– जानिए उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर कौन कौन हुआ सम्मानित
देहरादून :- उत्तराखंड के राज्यपाल ले.ज.गुरमीत सिंह (से.नि.) मंगलवार को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। उन्होंने राज्य आन्दोलनकारियों को भी नमन किया।
अपने संबोधन में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि राष्ट्र की कानून-व्यवस्था की नींव पुलिस है। समय के साथ पुलिस के कार्य एवं उत्तरदायित्व व्यापक होते जा रहे हैं। आज पुलिस केवल कानून व्यवस्था स्थापित करने तथा अपराधों पर नियंत्रण तक सीमित नही है। पुलिस की भूमिका रचनात्मक भी हो गई है। आज हमारी पुलिस युवाओं को उचित मार्गदर्शन देने, नशा-मुक्ति अभियान चलाने, असहाय लोगों की मदद करने, मानवीय सेवा तथा मुसीबत में पड़े लोगों तक सहायता पहुंचाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि समाज में अपराधों के नियंत्रण में टेक्नॉलाजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंफारमेशन एण्ड क्युनिकेशन टेक्नॉलॉजी पुलिस के लिए वरदान सिद्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि वास्तव में लॉकडाउन के समय सबसे महत्वपूर्ण पक्ष था पुलिस द्वारा किये गये सामाजिक सेवा कार्य। पुलिस को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन सुनिश्चित करवाने के साथ ही लोगों को आवश्यक सूचनाएं देने और अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति का कार्य भी करना पड़ा। पुलिस के अधिकारी तथा जवान तत्काल मदद की गुहार लगाने वाले नागरिकों के सीधे सम्पर्क में आ गए। कहा कि कोरोना महामारी के दौरान पुलिस की भूमिका जरूरतमंदों की सहायता एवं सेवा पर केंद्रित रही, यह अत्यन्त सराहनीय है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं ही आर्थिक और सामाजिक संरचना की रीढ़ हैं। हाल ही मैंने राज्य के कुछ पर्वतीय जिलों का दौरा किया। सच में पहाड़ की महिलाएं स्थानीय उत्पादों एवं हस्तशिल्पों के माध्यम से क्रान्ति कर रही हैं। महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। उनकी आमदनी बढ़ रही हैं। यह किसी चमत्कार से कम नही है। उत्तराखण्ड के युवाओं का अपने गांव और मिट्टी से जुड़ने का यह जज्बा राज्य के विकास की नई इबारत लिखेगा।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करने का सपना है। भविष्य में पूरी दुनिया से लोग यहां आत्मिक शांति के लिए आएंगे। आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बडे़ स्तर पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। यह हर उत्तराखण्डवासी के लिए हर्ष और गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री ने लगाई घोषणाओं की झड़ी-
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि ईजा-बोई शगुन योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में जच्चा-बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु अस्पतालों में 48 घण्टे रुकने वाली प्रसूता महिला को रु. 2000 उपहार धनराशि भेंट की जायेगी। जी रैया चेली-जागी रैया नौनी योजना के तहत 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों को टी.एच.आर. सुविधा प्रदान की जायेगी। 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य परीक्षण यथा: हीमोग्लोबीन इत्यादि की जांच नि:शुल्क की जायेगी और हेल्प लाइन नं. 104 के माध्यम से नि:शुल्क चिकित्सीय परामर्श भी उपलब्ध कराया जायेगा। कोविड-19 में सराहनीय कार्य के दृष्टिगत एनएचएम के कर्मियों को रु. 10,000 एकमुश्त प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाएगी। ई-डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से संचालित 32 सेवाओं को अद्यतन करते हुए कुल 75 सेवाओं को ‘अपणि सरकार पोर्टल’ के माध्यम से आम जनमानस को लाभ पहुंचाया जाएगा। सेवा का अधिकार अधिनियिम में अधिसूचित अवशेष 190 सेवाओं को भी शीघ्र ही ‘अपणि सरकार पोर्टल’ के माध्यम से संचालित कर आम जनमानस को लाभ पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने कहाकि 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम तक केबल कार द्वारा पहुंचा जा सकेगा। राज्य सरकार नैनीताल में स्थित कैंचीधाम के विकास के लिए भी काम कर रही है, जिसके अंर्तगत 60 करोड़ से अधिक के विभिन्न विकास कार्य किए जाएंगे। हाल ही में हमारे देश ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन डोज का पड़ाव पार किया है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड, 18 वर्ष से अधिक सभी नागरिकों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाये जाने वाला राज्य बन गया है। सीमांत तहसीलों के लिए ‘मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना’ शुरू की है तथा सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। वोकल फॉर लोकल पर आधारित ‘एक जनपद दो उत्पाद’ योजना द्वारा स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करने कोशिश की है।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्य सचिव एस एस संधु , अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण ओर जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
यह हुए सम्मानित-
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने उत्तराखण्ड पुलिस के 12 अधिकारियों/कर्मचारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक, एवं पुलिस पदकों से अलंकृत किया। विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक पूरण सिंह रावत, पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड (स्वतंत्रता दिवस-2019), विमला गुंज्याल, पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी, प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय उत्तराखण्ड (स्वतंत्रता दिवस-2019), अनिल कुमार त्यागी, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, जनपद पौड़ी गढ़वाल (गणतन्त्र दिवस-2020)। सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक नारायण सिंह नपलच्याल पुलिस उपमहानिरीक्षक सीआईडी, सीआईडी मुख्यालय (स्वतंत्रता दिवस-2019) योगेन्द्र सिंह रावत, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद हरिद्वार(स्वतंत्रता दिवस-2019) वीरेन्द्र प्रसाद डबराल, सहायक सेनानायक (सेवानिवृत), 40 वीं वाहिनीं पीएसी, भगवान सिंह, प्लाटून कमाण्डर विशेष श्रेणी (सेवानिवृत), 46 वीं वाहिनी पीएसी श्याम सुन्दर पाण्ड उपनिरीक्षक विशेष श्रेणी (सेवानिवृत), जनपद-अल्मोड़ा सुनील कुमार सिंह, फायर सर्विस चालक, जनपद-देहरादून (गणतन्त्र दिवस-2020), राकेश कुमार, लीडिंग फायरमैन, जनपद-देहरादून (गणतन्त्र दिवस-2020), वंश नारायण यादव, लीडिंग फायरमैन,जनपद-चम्पावत (स्वतंत्रता दिवस-2020), खजान सिंह तोमर, लीडिंग फायरमैन,जनपद-टिहरी गढ़वाल (स्वतंत्रता दिवस-2020), उत्कृष्ट थाना- पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के मानकों के अनुरूप जनपद अल्मोड़ा के थाना सल्ट को उत्कृष्ट थाना- 2021 चुना गया और सुशील कुमार, प्रभारी निरीक्षक सल्ट को ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया गया।