देहरादून :- देवभूमि के देवत्व तथा केदारधाम को प्रणाम करने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को केदारधाम पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा केदार का रुद्राभिषेक के साथ आदिगुरू शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रधानमंत्री का उत्तराखंड आना तथा यहां की सभ्यता और संस्कृति को और नई ऊंचाइयां देना एक महत्वपूर्ण कदम है जिसके कारण उत्तराखंड को दिन ब दिन नये-नये विकास के अवसर मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने इस प्रवास के दौरान अध्यात्म पर अधिक चर्चा की और अध्यात्म के साथ ही साथ विकास को भी उन्होंने अपना महत्वपूर्ण केन्द्र बिन्दु बनाया।
शुक्रवार को उन्होंने अपने संबोधन में जहां धर्म आस्था, संस्कृति, सभ्यता और विकास की चर्चा की वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व और कृतित्व को इस तरह प्रदर्शित किया मानो प्रधानमंत्री शास्त्र और छंद का धाराप्रवाह ज्ञाता हो।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में धारा प्रवाह दोहे, छंद और श्लोकों की चर्चा की। लोगों को उम्मीद थी कि चुनाव नजदीक है ऐसे में प्रधानमंत्री केवल चुनावी संबोधन करेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस धार्मिक यात्रा के दौरान कहीं भी चुनाव की चर्चा नहीं की। हां इतना जरूर हुआ कि उन्होंने उत्तराखंड के प्रमुख मुद्दों को अपने संबोधन में शामिल किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में सेना के आधुनिकीकरण की चर्चा की और कहां कि आज देश जिस तरह से अपनी सेनाओं का आधुनिकीकरण कर रहा है, उन्हें आत्मनिर्भर बना रहा है उससे हमारे वीर सैनिकों की ताकत और बढ़ रही है। सैनिकों की अपेक्षाओं और उनके परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बहुत प्राथमिकता से प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। जहां वर्तमान सैनिकों के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है वहीं पूर्व सैनिकों के लिए भी हमने दशकों पुरानी मांगे पूरी की हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी ही सरकार है जिसने सैनिकों की वन रैंक वन पेंशन की 4 दशक पुरानी मांग को पूरा करने का काम किया है। उन्होंने वर्तमान संदर्भों में उत्तराखंड की मातृशक्ति का उत्साहवर्धन किया तथा कहा कि प्रदेश की आधी आबादी जिस तरह हाड़ तोड़ परिश्रम कर रही है उसका कोई जवाब नहीं है। उन्होंने उत्तराखंड की मातृशक्ति की चर्चा करते हुए कहा कि यहां की महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो रही हैं। स्वरोजगार के लिए महिलाएं अब होमस्टे चला रही हैं, साफ सुंदर होमस्टे अब उत्तराखंड की महिलाओं की पहचान बन रहे हैं। इससे आर्थिक फायदा भी हो रहा है।
प्रधानमंत्री का यह केदारधाम दौरा कई संदर्भों में विशेष रहा। उन्होंने युवाओं को भी इस अवसर पर मंत्र दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहाड़ में यह चर्चा है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आने वाले समय में उन्हें अब इस पर ही काम करना है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी अब पूरे देश के साथ-साथ पूरे देश के काम आए। उन्होंने प्रकारान्तर में इसका मानचित्र भी प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन और धार्मिक गतिविधियां आगे बढ़ेगी तो यहां के युवाओं को यहीं पर रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का ऐसा कोई सा भी घर नहीं है, जहां पर सैनिकों के किस्से कहानी नहीं सुनाई जाती हैं। यहां का हर घर देश की सेवा में लगा हुआ है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां हो रहे विकास कार्यों से पलायन रुकेगा और हमें इस को रोकना है। यही पलायन रोकना पहाड़ को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने अपने केदारधाम के प्रवास में सर्व मौसमी सड़कों (ऑल वेदर रोड परियोजना) पर भी चर्चा की तथा कहा कि अब चार धाम हाईवे से जुड़ रहे हैं, यह जुड़ाव पर्यटन के साथ-साथ रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि ऑल वेदर रोड का काम लगभग पूरा हो गया है। दिल्ली से देहरादून की दूरी बेहद कम है इसका लाभ सीधे तौर पर उत्तराखंड को मिलने वाला है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल मार्ग भी तेजी से आगे बढ़ रहा है जो प्रदेश का परिदृश्य बदलेगा। प्रधानमंत्री ने इस प्रवास में युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पांच बार उल्लेख किया। 25 दिनों दूसरी बार आने वाले प्रधानमंत्री ने प्रदेश के मुखिया की तारीफ की, युवाओं की तारीफ की, महिलाओं की तारीफ की जो इस बात का संकेत है कि उनकी प्राथमिकताओं में छोटे राज्य उत्तराखंड का विशेष महत्व है।
उत्तराखंड वैसे भी सैनिक बाहुल्य प्रदेश हैं और यहां पर सैनिकों और सैनिक परिवारों का एक बड़ा वोट बैंक है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो राजनीतिक दल सैनिक परिवारों के वोट को बटोरने की कोशिश में लगे हुए हैं जहां प्रधानमंत्री अपने सैनिकों के प्रति किये गये अपने कामों की चर्चा कर रहे हैं वह इस बात का संकेत है कि सैनिक बहुल प्रदेश में सैनिकों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, लेकिन मातृशक्ति और युवा शक्ति की भी चर्चा करना इस बात का संकेत है कि चुनाव में पार्टी का ध्यान इस ओर विशेष रूप से रहेगा।