प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हॉकी टीम की जीत को अनुच्छेद 370 और राम मंदिर से जोड़ा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम की जीत को अनुच्छेद 370 और राम मंदिर से जोड़ा. इन तीनों के बीच उन्होंने पांच अगस्त की तारीख़ को एक कड़ी बताया.

अंग्रेज़ी अख़बार ‘द ट्रिब्यून’ की ख़बर के मुताबिक पीएम मोदी ने ये बातें उत्तर प्रदेश के एक कार्यक्रम में वर्चुअल भाषण के दौरान कहीं.

पीएम मोदी ने कहा, “ऐसा लग रहा है कि भारत की विजय की शुरुआत हो चुकी है. इसमें 5 अगस्त की तारीख़ बहुत विशेष बन गई है, बहुत महत्वपूर्ण बन गई है. इतिहास में इसको सालों तक दर्ज किया जाएगा.”

“ये पांच अगस्त ही है जब दो साल पहले देश ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के सपने को और सशक्त किया था. क़रीब सात दशक बाद अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक को हर अधिकार हर सुविधा का पूरा भागीदार बनाया था.”

”ये 5 अगस्त है जब पिछले साल कोटी-कोटी भारतीयों ने सैकड़ों साल बाद भव्य राम मंदिर के निर्माण की तरफ़ पहला कदम रखा. आज तेज़ी से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है.

“5 अगस्त की तारीख़ फिर एक बार हम सभी के लिए उत्साह और उमंग लेकर आई है. आज ही ओलंपिक के मैदान पर देश के युवाओं ने हॉकी के अपने गौरव को फिर से स्थापित करने की तरफ़ बड़ी छलांग लगाई है.”

इस दौरान पीएम मोदी ने संसद की कार्रवाई बाधित करने के लिए विपक्ष की आलोचना भी की और कहा कि जब देश कोरोना महामारी से निकलने की ओर बढ़ रहा है तब वो राष्ट्रीय हित को बाधित कर रहे हैं.

पेगासस पर कोई एफ़आईआर क्यों नहींसुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान इस मामले को गंभीर बताया, लेकिन हैरानी भी जताई कि इसे लेकर एक भी एफ़आईआर क्यों नहीं हुई. ये ख़बर अंग्रेज़ी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित की गई है.

कोर्ट ने हैरानी जताई कि अगर ये मानने के लिए कारण हैं कि फ़ोन को हैक किया गया है तो कोई एफ़आईआर क्यों नहीं की गई. कोर्ट ने इस पर भी ध्यान दिलाया कि ये आरोप पहली बार 2019 में सामने आए थे.

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना और न्यायाधीश सूर्य कांत पेगासस मामले पर स्वतंत्र कार्रवाई की मांग को लेकर दायर की गई आठ याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे. उन्होंने कहा, “अगर रिपोर्ट सही है तो इसमें कोई शक नहीं कि आरोप गंभीर हैं.”

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी नहीं किया है बल्कि याचिकाकर्ताओं को अपनी याचिका की कॉपी सरकार को भेजने को कहा है. अब इस मामले पर सुनवाई 10 अगस्त को होगी.

असम और मिज़ोरम के बीच हुआ समझौता

असम और मिज़ोरम के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों में एक समझौता हुआ है.

अंग्रेज़ी अख़बार ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के अनुसार दोनों राज्यों ने गुरुवार को अपनी पुलिस और फ़ॉरेस्ट गार्ड को अशांत अंतर-राज्यीय सीमा से दूर रखने को लेकर एक समझौते पर दस्तख़त किए हैं.

इसे तनाव को कम करने और दशकों पुराने विवाद को समाप्त करने के लिए बातचीत बनाए रखने की दिशा में पहला ठोस क़दम बताया जा रहा है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के फ़ैसले के मुताबिक अब तटस्थ बल विवादित इलाक़े का प्रभार संभालेंगे.

केंद्र पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध कराने में विफल: अभिजीत बनर्जी

नोबल पुरस्कार से सम्मानित अभिजीत बनर्जी ने केंद्र सरकार को पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध ना करा पाने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है.

अंग्रेज़ी अख़बार ‘द हिंदू’ ने लिखा है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गुरुवार को मुलाक़ात के दौरान ये बातें कहीं.

अभिजीत बनर्जी पश्चिम बंगाल कोविड-19 प्रबंधन समिति के सदस्य हैं. ममता बनर्जी ने भारत में कोरोना महामारी के प्रबंधन पर चर्चा को लेकर उनसे मुलाक़ात की थी.

अभिजीत बनर्जी ने कहा, ”मुझे लगता है कि सबसे बड़ी समस्या ये है कि केंद्र पूरे देश के लिए वैक्सीन की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है. हम आपूर्ति के उस स्तर तक नहीं पहुंचे है जैसा कि वादा किया गया था.”

साथ ही उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में वैक्सीन का प्रभावी इस्तेमाल हुआ है. वहीं, ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर वैक्सीन को लेकर पश्चिम बंगाल से पक्षपात करने का आरोप लगाया.