मुंबई। कौन बनेगा करोड़पति सीजन 11 के एपीसोड में हॉट सीट पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने द्वारका निवासी राकेश शर्मा बैठीं। एपीसोड समाप्त होने तक वह पांच सवालों का सही जवाब देकर 10000 रुपये जीत चुकी थीं। एपीसोड के दौरान राकेश ने अमिताभ बच्चन द्वारा पूछे जाने पर अपने जीवन से जुड़ी कई बातें बताई। राकेश शर्मा बताती हैं कि वह HRD मिनिस्ट्री में डायरेक्टर की पोस्ट से रिटायर्ड हैं।
वह बताती हैं कि उन्होंने राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी काम किया है। वह साल 2002 से लेकर 2007 तक बतौर OSD अब्दुल कलाम के साथ थीं। राकेश शर्मा कहती हैं कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था उन्हें राष्ट्रपति के साथ काम करने का मौका मिलेगा। कलाम के साथ काम करना उनके जीवन का ऐसा हिस्सा है जिससे वे सदा प्रेरणा ग्रहण करती रहती हैं। उनकी सादगी से प्रेरित राकेश मानती हैं कि खुद की जरूरत के साथ थोड़ा समझौता करके भी यदि आप दूसरों की मदद कर देंगे तो इससे उनकी जिदंगी बदल जाएगी।
राकेश ने बताया कि ‘साल 2007 में राष्ट्रपति कलाम उनके पास आए थे और उन्होंने मुझसे कहा था कि क्या मैं उनकी किताब दि ट्री ऑफ लाइफ का हिंदी अनुवाद कर सकती हूं। इस बात पर मैं हैरान रह गई थीं और मैंने कहा था कि आखिर मैं कलाम साहब की किताब का अनुवाद कैसे कर सकती हूं?’ इस पर पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि वे भी कवि नहीं हैं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस किताब में कविताएं लिखी हैं।
पूर्व राष्ट्रपति के आग्रह के बाद राकेश ने इस किताब का अनुवाद किया था और उन्होंने ये भी कहा कि इस किताब के अनुवाद में उन्हें एक से डेढ़ साल लग गया था. राकेश ‘जीवन का वृक्ष’ नाम की इस किताब को अमिताभ बच्चन के लिए गिफ्ट लेकर आई थीं और अमिताभ भी इस किताब को पाकर काफी अभिभूत थे. राष्ट्रपति कार्यालय में वर्ष 2002 से 2007 तक राकेश विशेष कार्य अधिकारी के पद पर वे तैनात रहीं। अपने कार्यकाल को याद करते हुए वे बताती हैं कि कि राकेश नाम सुनकर कई बार उनके सहकर्मी इस बात का मजाक बनाते थे कि उनका चयन राष्ट्रपति कार्यालय के लिए इसलिए हो गया, क्योंकि राष्ट्रपति ने उनके नाम को सुनकर अंदाजा लगाया होगा कि राकेश किसी पुरुष का नाम है।
प्रसिडेंट के साथ काम करना उनकी जिंदगी के कुछ सबसे खूबसूरत दौर में से था। राष्ट्रपति कार्यालय में कार्यरत पहली OSD बनीं राकेश बताती हैं कि उनके सहकर्मी कई बार इस बात का मजाक बनाते थे कि प्रेसिडेंट समझे नहीं होंगे कि राकेश महिला हैं या पुरुष, इसलिए उनका चयन हो गया था। उन्होंने अमिताभ बच्चन को बताया कि वे राष्ट्रपति कार्यालय में अक्सर दो बजे रात तक कार्य करती थीं। कई बार रात साढ़े दस बजे घर आने के बाद भी उन्हें बुला लिया जाता था, जिसके बाद वे कार्यालय जातीं और वहां काम निपटाकर देर रात घर पहुंचती थीं। पांच वर्षों के दौरान उन्होंने एक भी छुट्टी नहीं ली।