उत्तराखंड में महालक्ष्मी योजना शुरू

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– मुख्यमंत्री ने महिलाओं और शिशुओं को महालक्ष्मी किट सौंपी

देहरादून :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ किया। मां और कन्या शिशु की देखभाल को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। राज्य में कुल 16929 महिलाएं इस योजना से लाभान्वित होंगी।

मुख्यमत्री और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने शनिवार को जनता हाल में यमुना कॉलोनी भूड़गांव की सुशीला को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट देकर योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने चयनित लाभार्थी माताओं और नवजात शिशुओं को महालक्ष्मी किट सौंपी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ का अभियान शुरू किया। प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का परिणाम है कि इस अभियान से व्यापक जन जागरुकता आई है। इससे लिंगानुपात में सुधार भी देखने को मिला है। हम अपने आसपास देखें तो पाएंगे कि बेटों से अधिक बेटियां माता पिता का अधिक ख्याल रखती हैं। आज जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां बेटियों ने सफलता न पाई हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना बेटियों को प्रोत्साहित करने और मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से राज्य के विकास में उपयोगी साबित होगा। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमें बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए दोहरी मानसिकता को खत्म करना है। प्रकृति और संविधान ने समानता का संदेश दिया है। इसलिए बेटियों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। महिला-पुरुष का समाज में समान महत्व है। भेदभाव की सोच को समाप्त करना है।

उन्होंने कहा कि प्रसवोपरांत मातृ और कन्या शिशु के पोषण और अतिरिक्त देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं, जुड़वां बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है। इस मौके पर सचिव हरि चंद्र सेमवाल और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना की जरूरी शर्तें : आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकरण, माता-शिशु रखा कार्ड की प्रति, संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र, यदि घर पर प्रसव हुआ है तो आंगनबाड़ी या आशा वर्कर द्वारा जारी प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की प्रति, पहली, दूसरी या जुड़वा कन्या के जन्म की स्वप्रमाणित घोषणा, नियमित सरकारी, अर्द्धसरकारी सेवक एवं आयकरदाता न होने का प्रमाण पत्र योजना के लाभ आवश्यक होगा।