यह पोस्टर उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. ललन कुमार की तरफ से दिए गए इस विज्ञापन के जरिए क्राउड फंडिंग की जा रही है.
क्राउड फंडिंग के लिए ललन कुमार ने बकायदा बैंक का नाम, अकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड साथ दिया है. यह क्राउड फंडिंग जरूरतमंदों की मदद के लिए हो रही है. इससे मिले फंड से सैनिटाइजेशन ड्राइव को चलाया जाएगा. साथ ही गरीब तबके तक राशन पहुंचाया जाएगा.
निजी मुहिम बनी पार्टी की मुहिम
ललन कुमार की यह मुहिम निजी है लेकिन इस मुहिम में शामिल होने के लिए दिए गए विज्ञापन में कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिन्ह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू की तस्वीरें लगाई गई हैं. बवाल इसी पार्टी के चुनाव चिन्ह और पार्टी नेताओं की तस्वीरों को लेकर खड़ा हो गया है.
इस संबंध में ललन कुमार से जब सवाल किए गए तो उन्होंने साफ कहा कि यह उनकी निजी मुहिम है लेकिन वह हमेशा से ही कांग्रेस के सच्चे सिपाही रहे हैं. जब भी कोई जनहित का काम किया है, गरीबों में राशन बांटने की बात हो या फिर टी-शर्ट उसमें राहुल जी और प्रियंका जी की तस्वीरें लगाई हैं.
ललन कुमार ने साफ कहा लोगों की मदद करने पर ही यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास पर उंगली उठाई गई थी. जांच हुई कुछ नहीं निकला. मैंने पारदर्शिता के साथ मदद करने के लिए ही बैंक खातों को सार्वजनिक किया है, जिससे जब भी कोई मददगार हिसाब लेना चाहे तो उसको दिया जा सके.
प्रदेश अध्यक्ष को नहीं है जनकारी!
वहीं दूसरी तरफ ललन कुमार के तरफ से जारी किए गए इस पोस्टर पर प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा कि उनको इसकी जानकारी नहीं है. वह अपने क्षेत्र में हैं. लखनऊ लौटेंगे तो जानकारी जरूर लेंगे. लेकिन बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने आरोप लगाया कि लोगों के दर्द को बेचकर झोली भरना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति रही है, यह वही काम कर रहे हैं.
कांग्रेस पर हमलावर विपक्ष
उन्होंने कहा कि मोदी जी राशन बांट रहे हैं और कांग्रेस भाषण दे रही है. जहां-जहां कांग्रेस पार्टी की सरकार है, वहां के हालात भयावह रहे. पार्टी के नेताओं को अपनी राज्यों की बदहाली नहीं दिखाई पड़ रही है. लोगों के दर्द में अपनी झोली भरना कांग्रेस की संस्कृति है और यह उसी संस्कृति का उदाहरण है.
वहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विनोद मिश्रा ने आरोप लगाया कि जब ललन कुमार प्रदेश मीडिया कोऑर्डिनेटर हैं तो इसकी जानकारी प्रदेश अध्यक्ष को जरूर होनी चाहिए. यह सब की मिलीभगत है. पार्टी के बड़े नेताओं के नाम पर यह क्राउडफंडिंग गलत है. पार्टी के बड़े नेताओं की तस्वीर लगा कर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है. यह निजी मुहिम को पार्टी की मुहिम बताने की कोशिश है.