गाजियाबाद। वास्तु एवं वैदिक ज्योतिष का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव है इस संबंध में कुछ लोग बेहद गंभीरता के साथ प्रयास करते हैं ताकि सामाजिक तानाबाना मजबूत हो सके और लोगों को वास्तु शास्त्र एवं वैदिक ज्योतिष के सहारे बेहतर जिंदगी जीने का मौका मिल सके इसी क्रम में वास्तु एवं वैदिक ज्योतिष के जानकार एडवोकेट राजेंद्र कुमार ने विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वास्तु के अनुसार घर का रंग होने से सुख समृद्धि आती है। घर का रंग हमारे अंतर्मन और विचारों को निश्चित रूप से प्रभावित करता है। रंग लोगों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालते हैं। घर एक ऐसी जगह है, जहां लोग अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा बिताते हैं। कुछ खास रंग लोगों में खास इमोशन पैदा करते हैं, इसलिए घर में रंगों का संतुलन बनाना बहुत जरूरी है, ताकि आप एक ताजा और स्वस्थ जीवन जी सकें।
वास्तु में आपके व्यवहार, शिक्षा और मूड को प्रेरित करने की शक्ति है। कई सालो से आध्यात्मिक शक्तियों के ज्ञानी लोगों ने घर के अंदर स्वछता और स्वस्थ बनाये रखने के लिए वास्तु के अनुकूल रंगो का प्रयोग किया है। इस ज्ञान के अनुसार घर की हर दिशा एक विशेष रंग से जुड़ी होती है और बहुतायत और समृद्धि लाने में मद्दद करती है। आइए देखें कि घर के किस हिस्से में कौन से रंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
श्री कुमार ने कहा कि घर की दिशा के अनुसार रंगों का चयन. नॉर्थ-ईस्ट की दिशा के लिए हल्का नीला। पूर्व की दिशा के लिए सफेद या हल्का नीला। दक्षिण-पूर्व की दिशा आग से जुड़ी है। इसलिए इस दिशा के दीवारों पर संतरी, गुलाबी या सिल्वर रंग के कलर का उपयोग करना चाहिए।
उत्तर की दिशा के लिए हरा रंग उपयुक्त होता है।उत्तर-पश्चिम की दिशा हवा से संबंधित होती है इसलिए सफेद, हल्का ग्रे और क्रीम रंगों का इस्तेमाल इस दिशा के लिए शुभ मानी जाती है। दक्षिण की दिशा के लिए लाल और पीला रंग। पश्चिम की दिशा जल की है इसलिए इस दिशा के लिए नीला और सफेद रंग सर्वश्रेष्ठ है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह कमरे के अनुसार रंगों का चयन मास्टर बेडरूम के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा शुभ मानी जाती है इसलिए इसमें नीला रंग करवाना चाहिए। गेस्ट रूम या ड्राइंग रूम उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इसलिए इस दिशा में सफेद रंग का कलर होना चाहिए। बच्चों का कमरा उत्तर-पश्चिम की सर्वश्रेष्ठ दिशा है इसलिए इस दिशा में स्थित बच्चों के कमरे में सफेद रंग कराना चाहिए। किचन की दीवारों का रंग संतरी या लाल होना चाहिए। उत्तर-पश्चिम दिशा बाथरूम के लिए सबसे सही है इसकी दीवारों पर सफेद रंग होना चाहिए।
लाल रंग: लाल रंग ऊर्जा का प्रतीक है. इस रंग का इस्तेमाल घर के दक्षिणी या दक्षिण-पूर्वी हिस्से में नाम मात्र के लिए करें, लेकिन इस हिस्से में अगर बेडरूम हो, तो यहां लाल रंग के प्रयोग से बचें और हल्के पिंक या हल्के क्रीम रंग का सिलेक्शन करें। हरा रंग: हरा यानी बुध से संबंधित रंग. इस रंग का प्रयोग घर के उत्तर में करना चाहिए. इससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और आपको उन्नति के अवसर मिलेंगे। बच्चों, लड़कियों और नवविवाहित जोड़ों के कमरे में हल्के सी ग्रीन या आयवरी रंग का इस्तेमाल करें। पीला रंग: रंग का इस्तेमाल घर के पूर्वोत्तर में स्थित किसी भी कमरे में किया जा सकता है. अगर यहां पर आपका ऑफ़िस, ड्रॉइंग रूम आदि है तो हल्का पीला रंग आपके लिए अति शुभ होगा. अगर इस दिशा में स्टडी रूम, लाइब्रेरी या बच्चों का कमरा हो तो भी हल्के पीले रंग का इस्तेमाल करें। नीला रंग: आसमानी रंग का इस्तेमाल मकान की उत्तर दिशा में करना चाहिए. यह रंग जल तत्व को इंगित करता है. इसके अलावा घर की उत्तर दिशा में भी बहते जल वाली तस्वीरें या पेंटिंग्स लगानी चाहिए. इससे करियर में सफलता मिलती है।