ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे किया किसानों ने जाम

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गाजियाबाद। किसान संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर भारी तादाद में किसानों ने इस्टर्न पेरिफेरल डासना पर पहुंचकर जमकर नारेबाजी की फिर एक्स्प्रेसवे को जाम कर दिया। यानी कि केएमपी जाने वाले रास्ते पर बीच सड़क पर बैठकर आवागमन को बंद ही नही किया सरकार को भी किसान शक्ति का एहसास करा दिया। हालांकि किसानों के इस चक्के जाम को लेकर पुलिस प्रशासन भी मुस्तेद दिखाई दिया है। गौरतलब है कि किसान संयुक्त मोर्चा के किसान नेता जगतार सिंह बाजवा और किसान नेता राकेश टिकैत के आह्वान पर शनिवार सुबह 8:00 बजे से लेकर रविवार सुबह 8:00 बजे तक केएमपी पर चक्का जाम के आह्वान पर भारी तादाद में किसान ईस्टर्न पेरीफेरल पर पहुंचे और सरकार विरोधी जमकर नारेबाजी की।

इस दौरान किसानों ने कहा कि जब तक सरकार तीन कृषि काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। यानी कि आचार संहिता का उल्लंघन, धारा 144 का उल्लंघन, कोविड 19 गाइडलाइन सब धरी की धरी रह गई। किसानों ने साफ तौर पर कहा कि जबतक सरकार काले कानून को वापस नही लेती धरना प्रदर्शन आन्दोलन ऐसे ही होते रहेंगे। किसान विरोधी ये सरकार किसानों को बबार्दी के कगार पर लाकर खड़ा कर रही है। किसानों को सरकार ने जबरदस्ती काले कानून को थोपने का कार्य किया जिसको किसान बर्दास्त नही करेंगे। सरकार किसान विरोधी है और अपने आकाओं को खुश रखने के लिए कानून लाई है।

सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे किसान बिल वापस कराकर ही दम लेंगे। किसानों ने कहा कि की सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए कोविड 19 का सहारा ले रही है। जहां चुनाव हो रहे है वहां सरकार के मंत्री
खुद प्रधानमंत्री, गृहमंत्री रैली प्रदर्शन कर रोडसो कर रहे है या यूं कहें अपने हित साधने के लिए जनता को मोहरा बनाकर सत्ता पर काबिज सरकार हिटलरशाही की सारी हदें पार कर रही है। किसान ऐसा नही होने देंगे। किसान देश का अन्नदाता है उसकी परेशानी पूरे देश की परेशानी है।जनता अब जागरूक हो गई है। सरकार को अब जनता सबक सिखाकर रहेगी।