नैनीताल: शहर पहुँचने वाले पर्यटक अब रात को भी रोपवे की सैर कर शहर का सौंदर्य निहार पाएंगे। रोपवे की मरम्मत कार्य करीब करीब पूरा कर लिया गया है। फिलहाल रोपवे को ऑटोमेटिक मोड पर चलाने का ट्रायल किया जा रहा है। जल्द इसे पर्यटकों के लिए खोला जाएगा।
वर्ष 1985 में मल्लीताल से स्नोव्यू तक रोपवे का निर्माण किया गया था। जिसका कुमाऊँ मंडल विकास निगम द्वारा संचालन किया जाता है। स्थानीय लोगों की आवाजाही के साथ ही यह केएमवीएन की कमाई का भी अहम जरिया है। पर्यटकों की पसंद होने के कारण हर वर्ष निगम को इससे करीब चार करोड़ की आमदनी होती है, इस वर्ष फरवरी में तकनीकी खराबी आने के कारण रोपवे ट्राली बीच मे ही फंस गई थी। तब निगम कर्मियों ने रेस्क्यू कर लोगों को रस्सी के सहारे नीचे उतारा था। रोपवे में तकनीकी खराबियों के चलते मार्च में निगम ने इसका मरम्मत कार्य शुरू किया, लेकिन 22 मार्च से लाकडाउन होने के कारण कई जरूरी उपकरण नैनीताल नहीं पहुँच पाए। अब बाहर से उपकरण आने के बाद मरम्मत कार्य पूरा कर करीब आठ माह के इंतजार के बाद निगम रोपवे शुरू करने की तैयारियों में जुटा है। इन दिनों इसे आटोमेटिक मोड में संचालन का ट्रायल किया जा रहा है। जल्द इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।
आटोमेटिक मोड पर काम करेगा रोपवे
अभी तक रोपवे को मैनुअल सिस्टम से चलाया जाता था, लेकिन करीब 1.32 करोड़ की लागत से इसके सिस्टम को आटोमेटिक कर दिया गया है। साथ ही इसमें कई सेफ्टी फीचर भी लगाए गए है।
रात को भी हो सकेगा संचालन
रोपवे का सिस्टम आटोमेटिक होने के बाद अब रात को भी इसका संचालन हो पायेगा। जिससे निगम की आमदनी में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
आठ माह में करीब तीन करोड़ का घाटा
लाकडाउन खत्म होने के बाद भी रोपवे का मरम्मत कार्य चलने के कारण संचालन शुरू नहीं हो पाया। जिससे निगम की आमदनी पर भी खासा प्रभाव पड़ा है। पीक सीजन से अब तक बंद पड़े रोपवे से निगम को करीब तीन करोड़ का नुकसान हो चुका है
रोपवे का मरम्मत कार्य पूरा कर लिया गया है। इन दिनों इसका ट्रायल किया जा रहा है। योजना है कि पर्यटकों की मांग के अनुसार रात 9 या 10 बजे तक रोपवे का संचालन किया जाए। -रोहित मीणा, एमडी केएमवीएन।