गाजियाबाद। लोन के लिए गिरवी रखी संपत्ति को धोखाधड़ी से बेचकर 22 लाख रुपए हड़प लिए गए। मामले का खुलासा होने पर फाइनेंशियल कंपनी के अधिकारियों के होश उड़ गए। मामले में दो दंपति समेत पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस जांच पड़ताल कर आगे की कार्रवाई में लगी है।
कविनगर थाने में नोएडा में स्थित यूनिमोनी फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड कंपनी के रिजनल हेड हरीश कुमार ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिसमें बताया गया है कि तभी नगर निवासी बाबूलाल और उनकी पत्नी रेखा ने 31 अगस्त वर्ष 2018 में 25 लाख रुपए का लोन लेने के लिए आवेदन किया था। जिस पर कंपनी ने 22 लाख रुपए का लोन स्वीकृत किया। बताया गया है कि इस दौरान दंपत्ति ने छपरौला और कविनगर में स्थित दो संपत्तियों के दस्तावेज कंपनी में गिरवी रखे। लोन ली गई धनराशि की 180 महीने की 33,139 रुपए किस्त बनी। बताया गया है कि बाद में दंपत्ति ने दूसरे दंपत्ति बबली और रतन लाल तथा सुंदर पाल के साथ धोखाधड़ी कर गिरवी रखी संपत्ति को बेच दिया। इसका पता चलने पर कंपनी अधिकारियों के होश उड़ गए और उन्होंने मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई।
कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा, फाइनेंशियल कंपनी के रिजनल हेड हरीश कुमार ने बताया कि लोन रखी संपत्ति को धोखाधड़ी से बेचने की जानकारी उन्हें हुई तो इसकी शिकायत पुलिस से करते हुए रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की गई, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। बाद में मामले की शिकायत आला अधिकारियों से भी की गई, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्हें अदालत की शरण लेनी पड़ी। अदालत के आदेश के बाद अब कहीं जाकर पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि जांच पड़ताल कर कार्रवाई की जा रही है।
धोखाधड़ी से निकाले 20 हजार रुपए, आरटीओ कर्मचारी समेत दो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
गाजियाबाद। आधार कार्ड का अंगूठा निशानी डाटा लिक कर धोखाधड़ी से खाते से 20 हजार की नकदी निकाल ली गई। हैरानी की बात यह है कि खाते से रकम निकलने का मैसेज तक मोबाइल पर नहीं आया। पासबुक में एंट्री के दौरान नगदी निकलने का खुलासा हुआ। इस संबंध में आरटीओ कर्मचारी समेत दो लोगों के खिलाफ कविनगर थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
स्वर्ण जयंती पुरम में रहने वाले जगमोहन शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपनी स्विफ्ट कार राजनगर आरडीसी में विनोद नामक व्यक्ति को बेची थी। कार के दस्तावेज विनोद के नाम ट्रांसफर कराने के दौरान आरटीओ कर्मचारी ने उनकी अंगूठा ली थी। उन्होंने बताया कि खाते से रकम निकलने का पता चलने पर जब वह बैंक पहुंचे और बैंक अधिकारियों से रकम निकलने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि आधार कार्ड का अंगूठा निशानी डाटा लीक होने से उनके खाते से रकम निकाली गई है। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में दी गई तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।