पारिवारिक विवाद में दिया गया हत्याकांड को अंजाम
गाजियाबाद। थाना विजयनगर क्षेत्र के मोहल्ला कैलाश नगर में छोटे भाई ने बड़े भाई की पारिवारिक विवाद के चलते सिर में रोड मारकर हत्या कर दी। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद जहां हत्यारोपी फरार हो गया, वहीं मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया। हत्याकांड की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और हत्यारोपी की तलाश कर रही है।
मोहल्ला कैलाश नगर की गली नंबर 3 में रहने वाले रामचंद्र के दो बेटे और दो बेटी है। दोनों बेटियों ऊषा और कोमल की शादी हो चुकी है और वह अपनी अपनी ससुराल अमरोहा और बालूपुरा में रहती हैं। पुलिस ने बताया कि 40 वर्षीय बड़ा भाई अतर सिंह अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ मकान के ऊपर हिस्से में रहता था, जबकि छोटा भाई रोबिन अविवाहित अपने पिता के साथ नीचे रहता है। अतर सिंह की संजय नगर सेक्टर 23 में टेलर की दुकान है, जबकि रोबिन कोई काम धंधा नहीं करता है।
बताया गया है कि दोनों भाइयों में कई दिन से पारिवारिक विवाद चल रहा था। इसी क्रम में आज सुबह भी दोनों भाइयों के बीच फिर विवाद हो गया और दोनों में जमकर मुंह भाषा होने लगी। इसी दौरान तैश में आकर रोबिन ने बड़े भाई अतर सिंह के सिर में घर में ही रखी रोड दे मारी। इससे अतर सिंह खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर गया। इसके बाद रोबिन फरार हो गया। परिजनों के रोने पीटने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी पुलिस को देने के साथ घायल को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की।पुलिस ने बताया कि इस संबंध में दी जा रही तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर फरार हत्यारोपी की तलाश की जा रही है। उसे जल्द पकड़ लिया जाएगा।
आए दिन झगड़ा करता था रोबिन, मृतक के फुफेरे भाई कुलदीप ने बताया कि रोबिन किसी ने किसी बात को लेकर आए दिन अतर सिंह से झगड़ा करता रहता था। कई बार मामले की जानकारी पुलिस को भी दी गई, लेकिन विवाद दोनों भाइयों में होने के चलते पुलिस ने मामला कभी भी गंभीरता से नहीं लिया। नतीजतन हत्याकांड हो गया। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस रोबिन को पुलिसिया लहजे में टाइट कर देती तो शायद हत्याकांड नहीं होता।
आसपास के लोगों ने बताया कि 38 वर्षीय रोबिन नशे का आदी है, जो प्रतिदिन गांजा व शराब का नशा करता है। अविवाहित रोबिन पिता को मिल रही पेंशन पर मौज लेता था और घर में पिता और अपने लिए रोटी व काम काज करने के लिए नौकरानी रख रखी है। चन्द्रपाल बीएसएनएल विभाग से रिटायर्ड है।
अतर सिंह के घर के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि अतर सिंह बेहद सज्जन व्यक्ति था और नशा आदि नहीं करता था। इतना ही नहीं उसे केवल अपने परिवार से मतलब था। सुबह दुकान पर जाने के बाद शाम को ही घर आता था और परिवार में बच्चों के साथ खुश रहता था। उधर अतर सिंह की हत्या के बाद उसकी पत्नी और दोनों बेटों का रो रो कर बुरा हाल है।
पता चला है कि तीन दिन पूर्व अमरोहा में शादी हुई अतर सिंह की बहन ऊषा घर आई थी और पिता व भाई रोबिन के कान भरे थे। अकेले संपत्ति पर कब्जे को लेकर भी हत्यारोपी अतर सिंह को कई बार मारने की धमकी दे चुका था।