सीमावर्ती जिलों में बढ़ा पर्यटन: जयवीर सिंह

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लखनऊ, 29 दिसंबर । उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों की आय बढ़ने की नई संभावनाएं भी सामने आ रही हैं। इसकाे ध्यान में रखते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने साेमवार काे कहा कि बढ़ते पर्यटन के साथ आवासीय सुविधाओं की मांग तेजी से बढ़ी है और इसका सीधा लाभ स्थानीय लोगों को मिल रहा है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि लखीमपुर खीरी, पीलीभीत और बहराइच जैसे जिलों में वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास रहने वाले लोग अब अपने घरों के अतिरिक्त कमरों को पर्यटकों को उपलब्ध कराकर अच्छी आमदनी कर सकते हैं। इसके लिए पर्यटन विभाग ने उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति–2025 लागू की हैं, जिसमें पंजीकरण की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी रखी गई है।

जयवीर सिंह ने बताया कि ऐसे आवासीय भवन, जिनमें भूस्वामी स्वयं निवास करता हो और उसके पास उपयोग के बाद अतिरिक्त कमरे उपलब्ध हों, वह अधिकतम छह कक्ष (कुल 12 बेड) पर्यटकों को दे सकता है। वहीं, जिन आवासीय भवनों में भूस्वामी स्वयं निवास नहीं करता, वहां भी एक से छह कमरों तक की व्यवस्था बी एंड बी इकाई के रूप में की जा सकती है। ऐसी इकाइयों में केयरटेकर की नियुक्ति अनिवार्य होगी।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह नीति लागू होगी, जहां स्थानीय निवासी अपने अतिरिक्त कमरों को पर्यटकों के ठहराव के लिए उपयोग में ला सकते हैं। बी एंड बी और होमस्टे इकाइयों का पंजीकरण पर्यटन विभाग के आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है, जिससे इकाइयों को विभागीय रिकॉर्ड में शामिल कर सभी लाभ प्राप्त होंगे।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि सरकारी प्रयासों के चलते प्रदेश में ईको टूरिज्म को मजबूत पहचान मिली है। वर्ष 2025 में जनवरी से जून के बीच लखीमपुर खीरी में 11.36 लाख से अधिक, पीलीभीत में करीब 24 लाख और बहराइच में 1.59 लाख से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ है।

उन्होंने कहा कि बढ़ती पर्यटक संख्या के साथ गुणवत्तापूर्ण ठहराव की मांग भी तेजी से बढ़ी है और बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति–2025 स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार और आय के नए अवसर खोल रही है।

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