वन्यजीव रेस्क्यू को मिलेगा नया बल, डीएम ने स्वीकृत की धनराशि

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प्रभागीय वनाधिकारी, चम्पावत ने जिलाधिकारी के समक्ष यह मांग रखी थी। उन्होंने बताया था कि जनपद के विभिन्न ग्रामीण और वनवर्ती क्षेत्रों में गुलदार, भालू, बाघ तथा अन्य वन्यजीवों की आवाजाही बढ़ी है, जिससे संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं। इन घटनाओं को न्यूनतम करने, वन्यजीवों को सुरक्षित पकड़ने और बचाव कार्यों को त्वरित बनाने के लिए आधुनिक संसाधनों की आवश्यकता है।

प्रस्ताव के अनुसार, इस धनराशि से गुलदार पकड़ने के लिए पांच पिंजरे, बाघ पकड़ने के लिए दो पिंजरे, भालू पकड़ने के लिए दो पिंजरे, एक ट्रेंक्यूलाइजिंग गन (दवाइयों सहित), ततैया रेस्क्यू सूट और वाइल्डलाइफ स्टोर किट खरीदी जाएगी। जिलाधिकारी ने यह वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चम्पावत के माध्यम से राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के क्षमता विकास मद के अंतर्गत प्रदान की है।

इन आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता से मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में प्रभावी कमी आने की उम्मीद है। पिंजरों और ट्रेंक्यूलाइजिंग गन की मदद से वन्यजीवों को सुरक्षित रूप से पकड़कर आबादी वाले क्षेत्रों से दूर स्थानांतरित किया जा सकेगा। साथ ही, रेस्क्यू सूट और वाइल्डलाइफ किट बचाव कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।

प्रशासन का मानना है कि इस पहल से जनपद में जन-धन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह कदम ग्रामीणों में सुरक्षा की भावना को मजबूत करेगा और वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को भी बल प्रदान करेगा।