दिसंबर के पहले पखवाड़े में बिकवाल बने रहे विदेशी संस्थागत निवेशक

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नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार दिसंबर के पहले 15 दिनों के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों ने फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में 6,516 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की। इसके पहले नवंबर में भी विदेशी निवेशकों ने इस सेक्टर में 3,100 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की थी।

इसी तरह इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर में विदेशी निवेशकों ने 1 दिसंबर से लेकर 15 दिसंबर के बीच 3,331 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले। इसके पहले नवंबर के महीने में विदेशी निवेशकों ने इस सेक्टर में लगभग 5,800 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की थी। इन दोनों सेक्टर के अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सर्विस सेक्टर के 3,237 करोड़ रुपये के शेयर दिसंबर के पहले पखवाड़े में बेच दिए।

इस अवधि में हेल्थकेयर और पावर सेक्टर में भी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने जमकर बिकवाली की। दिसंबर के पहले पखवाड़े में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने हेल्थकेयर सेक्टर में 2,351 करोड़ रुपये के और पावर सेक्टर में 2,118 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। जबकि नवंबर में एफआईआई ने इन दोनों सेक्टर में क्रमशः1,783 करोड़ रुपये और 2,615 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। दिसंबर के पहले 15 दिनों में विदेशी निवेशकों ने एफएमसीजी सेक्टर के 1,419 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले। इसके पहले पिछले महीने नवंबर में इस सेक्टर में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 4,764 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। इसी तरह कैपिटल गुड्स सेक्टर में एफआईआई ने दिसंबर में 1,218 करोड़ रुपये की बिकवाली रही, जबकि नवंबर में इन निवेशकों ने इस सेक्टर में 2,495 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी।

विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से दिसंबर के पहले पखवाड़े में की गई खरीदारी की बात करें, तो एफआईआई ने इस अवधि में ऑयल और गैस सेक्टर के शेयरों में सबसे अधिक खरीदारी की। एफआईआई ने दिसंबर के पहले पखवाड़े में इस सेक्टर में 3,001 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके पहले नवंबर उन्होंने इस सेक्टर में 7,169 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी। इसी तरह मेटल सेक्टर में इस महीने विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 807 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि ऑटो सेक्टर में इन्होंने 611 करोड़ रुपये की खरीदारी की। हालांकि नवंबर के महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इन दोनों सेक्टर्स में क्रमशः 680 करोड़ रुपये और 1,642 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी।