बांग्लादेश में हिंदू युवक की पीट-पीट कर हत्या और व्यापक हिंसा पर एमनेस्टी इंटरनेशनल ने जताई चिंता, तुरंत निष्पक्ष जांच की जरूरत बताई

Share

लंदन स्थित मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अंतरिम सरकार से इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान हादी की हत्या और उसके बाद हुई हिंसा की त्वरित, गहन, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। संस्था ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा कर कहा है कि हिंसा के दौरान मीडिया समूह प्रोथोम आलो, डेली स्टार और छायानट के कार्यालयों को जला दिया गया और न्यू एज के संपादक नूरुल कबीर को परेशान किया गया।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि ईशनिंदा के आरोपों के बाद हिंदू कपड़ा मजदूर दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या किए जाने से वे चिंतित हैं। हिंसा की निंदा करते हुए एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि अंतरिम सरकार को हिंसा और हत्या के दोषियों को निष्पक्ष सुनवाई के माध्यम से जवाबदेह ठहराने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।

इससे पहले एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाए जाने के फैसले का विरोध किया था। संस्था ने कहा था कि हसीना और उनके कार्यकाल में गृह मंत्री की भूमिका निभाने वाले असदुज्जमां खान के खिलाफ ट्रिब्यूनल की कार्यवाही न तो निष्पक्ष थी और न ही न्यायसंगत।