एक करोड़ की चोरी का मामला सुलझा, आरोपित गिरफ्तार

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क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त संजीव यादव ने बताया कि 14 नवंबर को आभूषण कारोबारी शुभम कोटावाला करोल बाग स्थित इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (आईजीआई) लैब से 62 गहनों के सैंपल और उनके सर्टिफिकेट लेकर निकले थे। उन्होंने गहनों से भरा बैग अपनी कार में रखकर दुर्गा पार्क के पास सड़क किनारे गाड़ी खड़ी की और पास की एक दुकान में चले गए। कुछ देर बाद लौटने पर उन्होंने देखा कि कार की दाईं ओर की खिड़की का शीशा टूटा हुआ है और गहनों से भरा बैग गायब है। इस संबंध में करोल बाग थाने में मामला दर्ज किया गया।

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच ने विशेष टीम गठित की। टीम ने घटनास्थल और आसपास के इलाकों में लगे 90 से 100 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। साथ ही इसी तरह के वारदातों में शामिल कई पुराने अपराधियों से पूछताछ की गई।

लगातार तकनीकी और मैन्युअल जांच के बाद पुलिस को सुराग मिला कि इस चोरी में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली (त्रिची) से संचालित ‘ठक-ठक गैंग’ का हाथ हो सकता है। तकनीकी सर्विलांस के जरिए आरोपी की लोकेशन दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मिली। 15 दिसंबर को पुलिस टीम ने निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास जाल बिछाकर आरोपित टी. सारथ कुमार उर्फ सरथ कुमार (31) को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के अनुसार, आरोपित तमिलनाडु के त्रिची का रहने वाला है और पढ़ाई अधूरी छोड़ चुका है। वह अपने साथियों के साथ ट्रेन के जरिए तमिलनाडु से दिल्ली और एनसीआर जैसे बड़े शहरों में आता था। गैंग का तरीका था—बाजारों, खासकर ज्वैलरी मार्केट के पास खड़ी कारों की खिड़की तोड़कर अंदर रखा बैग चोरी करना। आरोपित दिल्ली में पहले भी 8 आपराधिक मामलों में संलिप्त रह चुका है। इसके अलावा उसे कमला मार्केट, लाहौरी गेट और कनॉट प्लेस थानों में दर्ज चोरी के चार मामलों में भगोड़ा घोषित भी किया जा चुका है।