डीएलबी निदेशक ने हाजिर होकर कहा सात दिन में जारी कर देंगे बहाली आदेश

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याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता अजमेर नगर निगम में साल 2018 में सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्त हुआ था। वहीं साल 2020 में उसे स्थाई करते हुए साल 2021 में महवा नगरपालिका में तबादला कर दिया गया। याचिका में कहा गया कि नगर पालिका के तत्कालीन ईओ सुरेन्द्र कुमार मीणा ने द्वेषता के चलते साल 2024 में याचिकाकर्ता को निलंबित कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता को कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया गया। वहीं गत दिनों आरटीआई के जरिए जानकारी मिली की उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। याचिका में कहा गया कि उसे बर्खास्त करने से पहले न तो कोई आरोप पत्र दिया गया और ना ही जांच अधिकारी नियुक्त किया गया और ना ही कोई जांच रिपोर्ट अस्तित्व में है। इसके बावजूद उसे सिर्फ सेवा पुस्तिका में एंट्री कर सेवा से हटाया गया है। अदालत ने मामले में गत 10 अक्टूबर को राज्य सरकार का रुख स्पष्ट करने को कहा था, लेकिन अदालत को कोई जानकारी नहीं दी गई। इस पर अदालत ने डीएलबी निदेशक को तलब किया था।