कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि आज का युग कौशल (स्किल) का है और जो युवा तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्राप्त कर लेते हैं वे रोजगार और स्वरोजगार के बेहतर अवसर हासिल कर सकते हैं। सरकार युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप सक्षम बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और प्रदेश की आर्थिक प्रगति में योगदान दे सकें। उन्होंने आईटीआई जींद परिसर में फैली स्वच्छता और हरियाली की सराहना करते हुए इसे एक प्रेरणादायक पहल बताया। इस दौरान उन्होंने कैंपस में आम का पौधा रोपित कर हरियाली अभियान में अपना योगदान दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उपनिदेशक संजीव शर्मा ने कहा कि आईटीआई संस्थान सबसे कम समय में युवाओं को रोजगार योग्य बनाते हैं। यहां विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित छात्र व छात्राएं न केवल कंपनियों में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं बल्कि स्वयं भी अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
उन्होंने छात्रों को सकारात्मक सोच और निरंतर सीखने की प्रवृत्ति अपनाने की प्रेरणा दी और उन्हें हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। प्रधानाचार्य नरेश कुमार पांचाल ने बताया कि मेले में विभिन्न क्षेत्रों की 35 प्रतिष्ठित कंपनियों ने भाग लिया। दिनभर आयोजित साक्षात्कार प्रक्रिया में कुल 833 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। जिनमें से 631 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आईटीआई जींद सदैव प्रयासरत है कि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, तकनीकी मार्गदर्शन और उद्योगों से सीधा संपर्क प्रदान किया जा सके। जिससे रोजगार के अवसर अधिक से अधिक बढ़ें।