आज स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित सदस्य देशों की परिषद् की बैठक में उन्होंने आईआईडीईए के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में स्वीडन में भारत के राजदूत अनुराग भूषण भी उपस्थित थे।
अंतरराष्ट्रीय आईडीईए, 1995 में स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है जो विश्वभर में लोकतांत्रिक संस्थानों और प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। अध्यक्ष के रूप में ज्ञानेश कुमार वर्ष 2026 के दौरान परिषद् की सभी बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार संस्था के संस्थापक सदस्य के रूप में भारत ने आईआईडीईए के संचालन, नीति-निर्धारण और लोकतांत्रिक विमर्श में वर्षों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अपने स्वीकृति भाषण में मुख्य चुनाव आयुक्त ने भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विशाल स्वरूप का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत अब अपने अनुभव, मूल्यों और लोकतांत्रिक विरासत को विश्व के साथ साझा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
कुमार ने कहा कि भारत का कार्यकाल निर्णायक, महत्वाकांक्षी और क्रियाशील होगा। भारत चेयर के रूप में दो प्रमुख स्तंभों पर कार्य करेगा-भविष्य के लिए लोकतंत्र की पुनर्कल्पना और स्वतंत्र व पेशेवर चुनाव प्रबंधन निकायों को सुदृढ़ करना। उन्होंने कहा कि भारत विश्वभर में ऐसे प्रयासों को बढ़ावा देगा, जिससे प्रत्येक वोट की अहमियत बनी रहे और लोकतंत्र अधिक समावेशी, शांतिपूर्ण, लचीला और टिकाऊ बन सके। वर्ष 2026 के लिए मॉरिशस और मेक्सिको को उपाध्यक्ष की भूमिका सौंपी गई है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में इसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और उरुग्वे सहित 35 देश हैं। अमेरिका और जापान इसमें पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हैं। यह संगठन समावेशी, लचीली और जवाबदेह लोकतंत्रों को बढ़ावा देता है।
सीईसी कुमार के नेतृत्व में आईआईडीईए और ईसीआई मिलकर तकनीकी और प्रशासनिक नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रलेखित और प्रसारित करने के लिए काम करेंगे।
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