दरअसल, जिला पुलिस से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पन्ना पुलिस ने पूरे अभियान के दौरान त्वरित, संगठित और योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की। जिले के विभिन्न थानों से अपहृत या लापता हुए कुल 65 बालक-बालिकाओं तथा गुमशुदा महिला-पुरुष को सुरक्षित रूप से वापिस लाकर परिवार जनों को सौंपा गया। यह उपलब्धि पुलिस प्रशासन की मेहनत, तत्परता और तकनीकी कौशल का प्रत्यक्ष प्रमाण है। इन मामलों में पुलिस ने हर संभावित दिशा में काम करते हुए परिवारों से संपर्क, घटनास्थलों का निरीक्षण, तकनीकी विश्लेषण और गहन पड़ताल की।
अभियान की सफलता में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पन्ना पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी सर्विलांस, मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग, मुखबिरों से मिली सूचनाओं तथा स्थानीय सूत्रों के सहयोग से जरूरी सुराग जुटाए। इसके साथ ही पुलिस ने अन्य राज्यों की पुलिस के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से बच्चों को खोज निकालने में महत्वपूर्ण सफलता पाई।
प्रत्येक बालक-बालिका को मिलने के बाद आवश्यक कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए सुरक्षित रूप से उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया। इस दौरान पुलिस ने बच्चों की सुरक्षा, मानसिक अवस्था, स्वास्थ्य और पुनर्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। पुलिस टीम ने परिवारों के साथ संवाद बनाए रखा और उन्हें हर कदम पर सहायता प्रदान की। अभियान के संचालन में जिले के सभी थानों में गठित पुलिस टीमों ने बेहद मेहनत और समर्पण के साथ काम किया। पुलिसकर्मियों ने कई बार कठिन परिस्थितियों, दूरस्थ क्षेत्रों और सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी जिम्मेदारी को सर्वोच्च स्तर पर निभाया। उनकी यह कार्यशैली समाज में पुलिस के प्रति विश्वास को बढ़ाती है और अपराध नियंत्रण की दिशा में मजबूत संदेश देती है।
उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन मुस्कान के तहत मिली यह बड़ी सफलता पन्ना जिले में बच्चों की सुरक्षा, अपराध नियंत्रण, और समाज में भरोसा स्थापित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। इस अभियान ने सिद्ध किया है कि दृढ़ इच्छाशक्ति, सही दिशा-निर्देशन, टीमवर्क और तकनीक का सदुपयोग मिलकर बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकता है।