ग्रामीणों के अनुसार पंचायतों को अब तक मूलभूत राशि तथा 15वें वित्त की राशि जारी नहीं की गई है। इसके चलते भूमि समतलीकरण, बाड़ी विकास, मनरेगा व नरेगा जैसे महत्वपूर्ण ग्राम पंचायत की कार्य अधर में लटके हुए हैं। आवश्यक ग्रामीण संरचनाओं के निर्माण पर भी पूरी तरह विराम लग गया है।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कई पंचायतों में सड़क, मुक्तिधाम और समुदायिक भवन जैसे बुनियादी कार्य लंबे समय से अधूरे पड़े हैं। ग्रामीणों ने सामाजिक उत्तरदायित्व पर भी सवाल उठाए और कहा कि कंपनी ने सामाजिक उत्तरदायित्व मद से विकास का दावा किया था, पर ज़मीनी स्तर पर कुछ भी नहीं किया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी केवल कागज़ी आश्वासन देती है, जबकि वास्तविक कार्य शून्य है।
पंचायत प्रतिनिधियों ने मांग की है कि मनरेगा, नरेगा और बाड़ी विकास सहित सभी ग्राम पंचायत विकास कार्य तुरंत शुरू किए जाएं तथा 15वें वित्त की राशि तत्काल जारी की जाए। साथ ही कंपनी प्रबंधन कोई सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत घोषित संरचनाओं का तुरंत निर्माण प्रारंभ करने के निर्देश दिए जाएं।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो वे कंपनी प्रबंधन के मुख्य गेट पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे। उन्होंने साफ कहा कि यदि स्थिति बिगड़ती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और कंपनी प्रबंधन की होगी।