-राजस्थान पुलिस सिक्योरिटी गार्ड बनकर आरोपी तक पहुंची
गुरुग्राम, 28 नवंबर । गैंगस्टर को पकडऩे के लिए पुलिस सिक्योरिटी गार्ड बनी और उस तक पहुंची। यहां एक पॉश सोसायटी में अपनी गर्लफ्रेंड के पास छिपे बैठे लॉरेंस बिश्नोई के करीबी गैंगस्टर को राजस्थान पुलिस ने दबोच लिया। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम था। टीम ने उसे पकडऩे के लिए 150 सीसीटीवी फुटेज खंगाली। गैंगस्टर के सोसायटी से पकड़े जाने पर शुक्रवार को लोगों में चर्चाएं होती रहीं।
जानकारी के अनुसार लॉरेंस बिश्नोई का करीबी गैंगस्टर प्रदीप गुर्जर उर्फ प्रदीप राव की राजस्थान पुलिस को तलाश थी। राजस्थान की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने उसे काबू करने के लिए जाल बिछाया। आरोपी गैंगस्टर प्रदीप गुर्जर यहां सेक्टर-77 स्थित एमआर पाम हिल्स सोसायटी के ईडब्ल्यूएस फ्लैट में अपनी गलफ्रेंड के पास छिपकर रह रहा था। पुख्ता सूचना मिलते पर राजस्थान पुलिस के हेड कांस्टेबल इस सोसायटी के गेट पर तीन दिन तक गार्ड बनकर तैनात रहे। गैंगस्टर पर उनकी नजरें रहीं। साथ ही 150 सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली गई, ताकि आरोपी की दिनचर्या की पूरी जानकारी मिल सके। मूलरूप से राजस्थान के कोटपुतली का रहने वाला प्रदीप गुर्जर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सचिन थापन के लिए काम कर रहा था। मौका मिलते ही राजस्थान पुलिस ने उसका दलबल के साथ घेराव करके काबू कर लिया। राजस्थान पुलिस यहां पूछताछ कर रही है कि वह कब से यहां पर रह रहा था। उसकी गलफ्रेंड भी राजस्थान की ही रहने वाली है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा और निरीक्षक राम सिंह के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई। सोसायटी के गेट पर मुख्य निरीक्षक सुधीर कुमार को बतौर गार्ड तैनात किया गया। पुलिस को पता चला है कि आरोपी बहुत कम फ्लैट से बाहर निकलता था। वह ऑनलाइन डिलीवरी सामान मंगवाता था। गैंगस्टर प्रदीप गुर्जर 6161 गैंग का प्रमुख है। उसका गैंग हाइवे किनारे बने होटलों को निशाना बनाते हुए वसूली करता है। इस गैंग की शुरुआत भीलवाड़ा में हरि तंवर से हुई थी। फिर विनोद मांडली ने कमान संभाली। उसकी हत्या हो जाने के बाद प्रदीप गुर्जर इसका प्रमुख बन गया।