सोने की तस्करी मामले में पूर्व स्पीकर कृष्ण बहादुर महरा 20 लाख की जमानत पर रिहा

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उच्च अदालत पाटन के न्यायाधीश अर्जुन कोइराला और तेजेन्द्र सापकोटा की संयुक्त पीठ ने महरा की रिहाई का आदेश जारी किया। महरा को 12 अक्टूबर को नेपाल पुलिस के केन्द्रीय अनुसन्धान ब्यूरो (सीआईबी) ने गिरफ्तार किया था। सीआईबी के अनुसार 25 दिसंबर, 2022 को चीनी पासपोर्ट पर ली हानसोंग दुबई से काठमांडू दो सूटकेस लेकर आए थे। उन सूटकेसों में 73 पैकेटों में 730 वेंडिंग वेप मिले थे, जिनमें सोना छिपाकर लाया गया था। यह सोना लगभग 8 करोड़ 55 लाख 28 हजार 374 रुपये की कीमत का बताया गया है।

सीआईबी के अनुसार इस सोने को छुड़ाने के लिए भंसार (कस्टम) पर दबाव बनाने का आरोप महरा पर लगा। इस मामले में उनके बेटे राहुल महरा को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। सूटकेस संदिग्ध लगने पर जांच की गई, जिसमें वेप बरामद हुए और उन्हें एयरपोर्ट कस्टम कार्यालय ने कब्जे में ले लिया। वहीं ली हानसोंग अपना पासपोर्ट लेकर अगले दिन ही काठमांडू से रवाना हो गया, जबकि वेप लंबे समय तक भंसार में ही जब्त रहे।

बाद में सूचना मिली कि वेप में तस्करी का सोना था, जिसके बाद हवाई अड्डे के कर्मचारियों द्वारा गुपचुप तरीके से वेप बदल दिए जाने का संदेह हुआ। इसी आधार पर 9 मई 2023 को कस्टम ने सीआईबी को पत्र लिखकर इस मामले की जांच शुरू कराई। लगभग दो महीने की जांच के बाद सीआईबी ने 9 किलो सोने की तस्करी की पुष्टि करते हुए भंसार के नासु रेवन्त खड्का समेत 6 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। पूरक अभियोजन में चीनी मूल के बेल्जियम नागरिक दावा छिरिंग, उनके वाहन चालक लोकेन्द्र पौडेल, राहुल महरा और नीमा गुरुङ को सहयोगी अभियुक्त के रूप में शामिल करते हुए मामला अदालत में दायर किया गया था।