कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को उनके संवैधानिक अधिकारों, मौलिक अधिकारों—खासकर शिक्षा के अधिकार और मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना था। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के रिटेनर अधिवक्ता, हरिओम बिहारी ने छात्रों को इन महत्वपूर्ण विषयों के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने सरल भाषा में बच्चों को समझाया कि भारतीय संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को क्या अधिकार और कर्तव्य प्रदान करता है। इस अवसर पर उपस्थित सभी 150 बच्चों के बीच संविधान की उद्देशिका को सामूहिक रूप से दोहराया गया, जिससे उनमें संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना जाग्रत हुई। प्राचार्य श्वेता वर्मा के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षक सुधाकर कश्यप, शिक्षक मुकेश कुमार सिंह, एवं अन्य सभी शिक्षकगणों ने सक्रिय भागीदारी की।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पाराविधिक स्वयं सेवक आलोक कुमार श्रीवास्तव भी इस दौरान मौजूद रहे।
अधिवक्ता हरिओम बिहारी ने उपस्थित बच्चों को संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार और कर्तव्य का न केवल स्वयं अनुसरण करने, बल्कि अपने परिवार और समाज में भी जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित किया। यह जागरूकता शिविर संविधान के आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने की दिशा में एक सफल कदम साबित हुआ।