फाइनल में अभिनव की शुरुआत बेहद शानदार रही। उन्होंने पहले दौर में पांचों निशाने सही लगाए और दूसरे दौर में भी चार पर सटीक प्रहार किया। इसके बाद वे लगातार लय में बने रहे और अगले 20 में से 18 निशाने भेदते हुए दो बार पूर्ण 5-हिट श्रृंखला दर्ज की। अंतिम दौर में वे तीन अंक ही हासिल कर पाए, जो उनका सबसे कम स्कोर था, लेकिन पूरी प्रतियोगिता में बनाई बढ़त ने उन्हें स्वर्ण पदक तक पहुंचा दिया।
इससे पहले क्वालिफिकेशन में भी अभिनव ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्होंने 575-13x के स्कोर के साथ विश्व डेफ क्वालिफिकेशन रिकॉर्ड और डेफलिम्पिक्स रिकॉर्ड की बराबरी की। वहीं चेतन ने 573-21x के साथ दूसरा स्थान हासिल करते हुए फाइनल में जगह बनाई।