जांच में पाया गया कि अधिकांश संस्थान बिना अधिकृत डॉक्टरों व प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ के संचालित हो रहे थे। साथ ही इन में मेडिकल वेस्ट निस्तारण व अग्निशमन सुरक्षा मानकों का भी पालन नहीं किया जा रहा था। गंभीर अनियमिताओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने नैदानिक स्थापना अधिनियम के तहत प्रत्येक संस्थान पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
मानदंडों के अनुरूप संचालन न किए जाने की स्थिति में इन मेडिकल संस्थानों के पंजीकरण आवेदनों को निरस्त किए जाने की चेतावनी दी गयी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर के सिंह ने स्पष्ट किया है कि जिले में बिना योग्य स्टाफ व मानदंडों का पालन किये किसी भी अस्पताल का संचालन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।