इस कार्यशाला के उद्घाटन में वरिष्ठ उप महालेखाकार लोकेश दताल ने राज्य के वित्तीय संव्यववहारों के उचित लेखांकन को सुनिश्चित करने में कोषागारों की भूमिका को रेखांकित करते हुए समय-समय पर इनके निरीक्षणों की महत्ता को प्रतिपादित किया।
उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रबंधन में बीते दिनों में अनेक ई-टूल्स विकसित हुए हैं और इनके उचित प्रयोग से लेखांकन को और अधिक सुगम बनाया जा सकता है। इस कार्यशाला में महालेखाकार कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की स्थापना के 165 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ‘ऑडिट दिवस’ का आयोजन किया जा रहा है।