अति पिछड़ा समाज के प्रमुख नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रविवार को एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से इस संबंध में बैठक कर औपचारिक अपील की है। उनका कहना है कि प्रदेश की बागडोर ऐसे अनुभवी, जनप्रिय और स्वच्छ छवि वाले नेता को सौंपी जानी चाहिए, जिसके लिए डॉ. प्रेम कुमार सबसे उपयुक्त विकल्प हैं।
यह मांग अति पिछड़ा समाज के जाने-माने नेता मनोज चंद्रवंशी की अध्यक्षता में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में रखी गई, जिसमें प्रिंस कुमार ,चंदन कुमार ,शत्रुघ्न, शंभू सिंह, मनोज पंडित ,राम इकबाल चौहान ,कुंदन रजकके साथ ही बड़ी संख्या में समाज के बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक के दौरान वक्ताओं ने कहा कि डॉ. प्रेम कुमार ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में जनता के बीच विश्वास और समर्पण की मिसाल कायम की है। वे वर्षों से जनता की सेवा में जुटे हैं और उनके पास प्रशासनिक अनुभव व विकास कार्यों की बेहतरीन समझ है।
मनोज चंद्रवंशी ने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग ने बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मजबूती प्रदान की है और इसी वर्ग के व्यापक समर्थन के कारण पार्टी को ऐतिहासिक सफलता मिली है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को अति पिछड़ा समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनके लोकप्रिय नेता को मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. प्रेम कुमार की छवि बेदाग है और उन्होंने हमेशा जनता के हित को सर्वोपरि रखा है।
बैठक में मौजूद कार्यकर्ताओं ने कहा कि डॉ. प्रेम कुमार ने पिछड़े और अतिपिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए लगातार काम किया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला सशक्तिकरण और युवाओं के रोजगार जैसे मुद्दों पर उनकी सोच और कार्यनीति हमेशा प्रभावी रही है। उनका मानना है कि यदि उन्हें नेतृत्व का अवसर दिया जाता है, तो सामाजिक संतुलन के साथ बिहार में विकास की नई गति आएगी।
वक्ताओं ने कहा कि बिहार की राजनीति में पहली बार ऐसा अवसर आया है, जब अति पिछड़ा समाज से मुख्यमंत्री बनने की मांग जन-आंदोलन का रूप लेगी। डॉ. प्रेम कुमार पूरे बिहार में लोकप्रिय हैं और उनके पास जमीन से जुड़े नेतृत्व की ताकत है। उनके नेतृत्व में राज्य में स्थिरता, सुशासन और सर्वांगीण विकास की राह और मजबूत होगी।