समापन सत्र में मुख्य अतिथि प्रो. दिव्या जोशी ने गुणवत्तापूर्ण शोध, भाषा कौशल, संदर्भ प्रबंधन और शैक्षणिक ईमानदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. रीतेश साह ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण शोध दिशा को स्पष्ट करते हैं और विश्लेषणात्मक सोच व नवाचार को सुदृढ़ बनाते हैं। कार्यक्रम में प्रमाणपत्र वितरण के साथ प्रशिक्षण का समापन हुआ। इस अवसर पर डॉ. नंदन सिंह, डॉ. हर्ष चौहान, डॉ. सरोज, डॉ. अशोक उप्रेती, डॉ. सुरेश जोशी, डॉ. ऋचा गिनवाल व डॉ. दिलीप सहित अनेक संकाय सदस्य और शोधार्थी उपस्थित रहे।