अपील में महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि एकलपीठ के समक्ष केवल यह विचारणीय बिंदु था की एसआई भर्ती-2021 में शामिल हुए अभ्यर्थियों को नई भर्ती में आयु सीमा में छूट दी जाए या नहीं। इसके बावजूद भी एकलपीठ ने सरकार के राजनीतिक दबाव में होने जातीय लॉबी समूह के वोटों के दबाव और कई इंटरनेशनल मीडिया की रिपोर्टिंग में युवाओं के भविष्य को लेकर चिंता जताने की बात कही। जबकि याचिका में किसी भी पक्ष की ओर से इस संबंध में कोई बहस नहीं की गई थी और ना ही याचिका में इस तरह की कोई प्रार्थना की गई थी। इसके बावजूद एकलपीठ ने इस तरह की गंभीर टिप्पणियां कर दी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट भी नहीं दी जा सकती। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ की ओर से मामले में की गई टिप्पणियों को अनावश्यक मानते हुए एकलपीठ के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि गत अक्टूबर माह में एकलपीठ ने आयु सीमा में छूट संबंधी 29 याचिकाओं का निस्तारण करते हुए राज्य सरकार को आठ सप्ताह में इस संबंध में निर्णय लेने को कहा था। इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार पर गंभीर टिप्पणियां की थी।