मंदिर कमेटी के सदस्यों का कहना है कि घेराबंदी का यह हिस्सा जुबिली पार्क से सटा हुआ है और इसके कारण मंदिर का पिछला निकास मार्ग पूरी तरह बंद हो जाएगा। इससे श्रद्धालुओं की आवाजाही प्रभावित होगी और हर शनिवार को होने वाले भंडारे के आयोजन में भी परेशानी होगी। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सुशील पांडे ने बताया कि वर्ष 1990 में जुस्को की खुदाई के दौरान यहां शिवलिंग की प्राप्ति हुई थी, जिसके बाद इस स्थल पर मंदिर की स्थापना हुई और यह ‘कचहरी बाबा मंदिर’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
सुशील पांडे ने आरोप लगाया कि टाटा स्टील की टीम ने बिना किसी पूर्व चर्चा या सहमति के मंदिर का पिछला गेट बंद कर दिया, जिससे धार्मिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि मंदिर की आस्था और परंपरा से जुड़े इस स्थल पर इस तरह का कदम अनुचित है।
इधर, टाटा स्टील की ओर से बताया गया कि जुबिली पार्क क्षेत्र की सुरक्षा और सौंदर्याकरण योजना के तहत यह घेराबंदी की जा रही है। हालांकि, बढ़ते विवाद को देखते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि किसी अप्रिय स्थिति को टाला जा सके।
इस बीच, विश्व हिंदू परिषद सहित कई हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए और टाटा स्टील प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। परिषद के नेता अरुण सिंह ने कहा कि टाटा स्टील प्रशासन सनातन संस्कृति पर हमला कर रहा है और दोहरे मानदंड अपना रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि “लोगों की आस्था से जुड़े इस मुद्दे पर किसी भी एकतरफा कार्रवाई का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।”
फिलहाल पुलिस की मौजूदगी में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन स्थानीय लोगों के बीच असंतोष और तनाव का माहौल बना हुआ है।