पाप और पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं भगवान चित्रगुप्त : प्रदीप कुमार श्रीवास्तव

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कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि “हम सभी कायस्थ भगवान चित्रगुप्त के ही वंशज हैं। पाप और पुण्य का लेखा-जोखा भगवान चित्रगुप्त ही रखते हैं।”उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कायस्थ समाज शैक्षिक रूप से अग्रणी होने के बावजूद राजनीतिक रूप से उपेक्षा का शिकार होता जा रहा है। समाज के विकास के लिए राजनीति में सक्रिय भागीदारी जरूरी है, ताकि शिक्षित और योग्य लोग निर्णय प्रक्रिया में योगदान दे सकें।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में अनेक कायस्थ विभूतियों ने अपने कार्यों से राष्ट्र को दिशा दी — राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, यूपी के मुख्यमंत्री डॉ. सम्पूर्णानंद सक्सेना, बिहार के मुख्यमंत्री राधाकृष्णा सक्सेना, स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस, संत स्वामी विवेकानंद, महेश योगी, साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद, लेखिका महादेवी वर्मा, बाला साहब ठाकरे और अभिनेता अमिताभ बच्चन जैसे महान व्यक्तित्वों ने कायस्थ समाज का परचम देशभर में लहराया। प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि आज यह शिक्षित समाज अपने बलबूते पर जीवन-यापन कर रहा है, लेकिन राजनीतिक मंचों पर उपेक्षित है। अब समय आ गया है कि समाज अपनी संख्या और एकता की ताकत दिखाए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संपादक संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि कायस्थ समाज ने सदैव समाज को दिशा देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले भगवान चित्रगुप्त का एक भव्य मंदिर निर्माण कर, समाज को एकजुटता का संदेश देना चाहिए।

कार्यक्रम में रमेश श्रीवास्तव, अलख श्रीवास्तव, डॉ. सत्येंद्र श्रीवास्तव, महेश नारायण श्रीवास्तव, सुशील श्रीवास्तव, विजय कुमार श्रीवास्तव, अजय कुमार श्रीवास्तव, अरविंद श्रीवास्तव, ओम श्रीवास्तव, रेनू श्रीवास्तव, शिखा श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में कायस्थ समाज के लोग मौजूद रहे। पूरे कार्यक्रम स्थल पर जय चित्रगुप्त भगवान की के जयघोष से माहौल भक्तिमय बना रहा।