ब्रिसन फर्नांडिस बने एएफसी चैंपियंस लीग टू में गोल करने वाले पहले भारतीय, एफसी गोवा को अल-नास्र ने 1-2 से हराया

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मैच के शुरुआती 30 मिनट में ही अल-नास्र ने एंजेलो गेब्रियल और हारूने के गोल से 2-0 की बढ़त बना ली थी। हालांकि, 41वें मिनट में ब्रिसन फर्नांडिस ने शानदार मूव बनाकर गोल दागा और गोवा को मुकाबले में वापसी दिलाई। इसके बाद दूसरे हाफ में गोवा ने जबरदस्त जुझारूपन दिखाया, लेकिन बराबरी का गोल नहीं कर सके।

गोवा की रणनीति और संघर्ष

एफसी गोवा ने काउंटर-अटैक पर खेलने की रणनीति अपनाई थी, लेकिन गेंद पर कब्जा पाने के बाद उनके खिलाड़ी उतनी तेजी से अवसर नहीं बना पाए।

ब्रिसन फर्नांडिस के अलावा कोई भी खिलाड़ी गेंद को आगे ले जाकर खतरा पैदा नहीं कर सका। मुहम्मद नेमिल ने कोशिश की, लेकिन उन्हें मिडफील्ड में कई बार शारीरिक रूप से पछाड़ दिया गया।

बोरजा हरेरा और डेजन द्राज़िक भी विरोधी रक्षापंक्ति को चुनौती नहीं दे पाए, जिससे गोवा की हमलावर रणनीति बेअसर रही।

अल-नास्र की शुरुआती बढ़त और आत्मविश्वास

कोच जॉर्ज जीसस की टीम ने पिछले 10 में से 9 मैच जीते थे और इस मैच में भी उन्होंने शानदार शुरुआत की। हालांकि, 2-0 की बढ़त लेने के बाद सऊदी टीम ने अपना दबाव कम कर दिया, जिसका फायदा गोवा ने उठाया और ब्रिसन ने गोल दाग दिया।

दूसरे हाफ में अल-नास्र ने हालांकि ज्यादा आक्रामक खेल नहीं दिखाया, लेकिन अंततः तीन अंक अपने नाम कर लिए।

विदेशी खिलाड़ियों का निराशाजनक प्रदर्शन

एफसी गोवा के विदेशी खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।

जेवियर सिवेरियो चोट के कारण 24वें मिनट में ही बाहर हो गए।

डेजन द्राज़िक ने ब्रिसन को असिस्ट जरूर दिया, लेकिन खुद कोई बड़ा प्रभाव नहीं डाल पाए।

डेविड टिमोर और पोल मोरेनो भी मिडफील्ड और डिफेंस में संघर्ष करते नजर आए।

बोरजा हरेरा ने कुछ अच्छे कॉर्नर किक दिए, लेकिन रक्षात्मक जिम्मेदारी में चूक गए।

रोनाल्डो की गैरहाज़िरी

फुटबॉल प्रशंसक क्रिस्टियानो रोनाल्डो को मैदान पर देखने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें आराम दिया गया। बताया जा रहा है कि स्टेडियम की खराब पिच स्थिति को देखते हुए उन्हें जोखिम से बचाने के लिए नहीं खिलाया गया।

अंतिम स्कोर:

एफसी गोवा 1 – 2 अल-नास्र

(एफसी गोवा के लिए गोल: ब्रिसन फर्नांडिस 41’)