यह मामला जबलपुर (मध्य प्रदेश) निवासी पायल बसु की शिकायत पर दर्ज हुआ है। फिलहाल वह शिमला जिला के शोघी में रह रही हैं।शिकायतकर्ता पायल बसु ने बताया कि 13 अक्टूबर को उनके बैंक खाते में एकाएक तीन अलग-अलग लोन की रकम आ गई। इनमें एक लाख पचास हजार रुपये, दो लाख चालीस हजार चार सौ उन्नीस रुपये और दो लाख पचास हजार रुपये शामिल हैं। कुल मिलाकर छह लाख चालीस हजार चार सौ उन्नीस रुपये की राशि उनके खाते में डाली गई। पायल का कहना है कि उन्होंने किसी भी लोन के लिए अनुमति नहीं दी थी और न ही कोई आवेदन किया था।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना बालूगंज में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) के तहत मामला दर्ज किया गया है। माना जा रहा है कि किसी ने उनकी व्यक्तिगत या बैंकिंग जानकारी का दुरुपयोग कर यह साइबर धोखाधड़ी की हो। फिलहाल पुलिस बैंक रिकॉर्ड और डिजिटल ट्रांजेक्शन की पड़ताल में जुटी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह रकम कहां से आई और किसने यह लोन प्रोसेस किया।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अपने बैंक खातों और डिजिटल ऐप्स की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना साइबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी पुलिस थाने में दें।