साम्यवादियों ने सबसे अधिक नुकसान भारत का किया : स्वान्त रंजन

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लखनऊ, 16 अक्टूबर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वान्त रंजन ने गुरूवार को गोमती नगर के विशाल खण्ड स्थित सीएमएस के सभागार में वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र भदौरिया की पुस्तक ‘अमिय’ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद डा.दिनेश शर्मा, संघ के संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपा शंकर, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के डॉ. आशीष गौतम और वरिष्ठ प्रचारक वीरन्द्र सिंह उपस्थित रहे।

इस अवसर उन्होंने कहा कि भारत, दुनिया का इकलौता धर्मप्राण देश है। साम्यवादियों ने सबसे अधिक नुकसान भारत का किया। ‘धर्म’ का स्थान ‘रिलीजन’ या ‘मजहब’ कभी नहीं ले सकता। नरेन्द्र भदौरिया जैसे लेखकों की कृतियों में अमृत कलश के रूप में विचारों की शुद्धता का भाव प्रकट होता है।

स्वान्त रंजन ने आगे कहा, ‘हमने वसुधा को ही अपना कुटुम्ब माना और उसकी हमेशा चिंता की। विमर्श ही हमारे विचारों की शुद्धता है। कोविड का टीका दुनिया के सौ देशों को भारत ने निःशुल्क में दिया, यह हमारा परिवार भाव ही था। भारत के ऋषियों का उदार विचार इतना घनीभूत है।’

राज्यसभा सांसद डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा, ‘नरेंद्र भदौरिया का लेखन ऐतिहासिक शुद्धता, राष्ट्रीय चेतना और आत्म गौरव का बोध कराता है। आपके लेखन में नारी गरिमा, प्राचीन गौरव और भारतीय अस्मिता को प्रखरता से स्पष्ट करता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख (उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड) कृपा शंकर ने कहा, ‘नरेंद्र भदौरिया लेखन के लिए न थके, न रुके फिर चाहे आपातकाल हो या कोई और काल लेखनी से अपना पक्ष अवश्य प्रस्तुत किया। आपकी पुस्तकों में अपार अनुभव का खजाना है।’ उन्होंने कहा, ‘देश, समाज और वातावरण सुंदर हो इसके लिए पंच परिवर्तन’ का पालन करना होगा।’ पंच प्रण का संकल्प दोहराना होगा। न्याय पंचायत स्तर पर पथ संचलन निकले हैं, यह संघ संस्थापक की भविष्यवाणी का सुफल है।’

दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार के संस्थापक डॉ. आशीष गौतम ने कहा, ‘नरेन्द्र भदौरिया ने अपनी अमिय पुस्तक से सच को सच कहने का साहस किया है। संविधान संशोधन और उसके पीछे की वास्तविकता को आपने प्रखरता से उजागर किया है। देश, धर्म, समाज, संस्कृति का रक्षण अमिय किस प्रकार करती है यह आपको पुस्तक पढ़कर आसानी से हो सकेगा।’

राष्ट्र सेविका समिति की क्षेत्र प्रचारिका शशि दीदी ने कहा, ‘साहित्य का सृजन ज्ञान की परम्परा को बढ़ाने का हेतु है। राष्ट्रीय ज्ञान से युक्त साहित्य से ही समाज जागरण का कार्य होता है। साहित्य का अमिय प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन के दौर से गुजरना होता है। पुस्तक को सिर्फ पढ़ना नहीं है उसे आत्मसात करना है।

पुस्तक के लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र भदौरिया ने अतिथियों का परिचय कराते हुए कहा, लेखन तो आदिकाल से होता रहा है, लेकिन अब आवश्यकता है तथ्यों के पुर्नलेखन की है। तथ्य एवं कथ्य की सत्यता को प्रमाणित करने वाला लेखन हो। लेखन ऐसा हो जिससे समाज प्रेरणा ले सके।’

इस दौरान क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष कुमार, कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो.एलएमएल भट्ट, विधायक डॉ.अमित सिंह चौहान, विधायक अजय कुमार सिंह, अवध प्रान्त के विशेष सम्पर्क प्रमुख प्रशान्त भाटिया, सामाजिक समरसता गतिविधि के प्रान्त संयोजक राज किशोर,विभाग प्रचारक अनिल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।