संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस दौरान एसडीओ बलरामपुर, हाथी विशेषज्ञ अमलेंदु मिश्रा, आरओ धमनी, आरओ रामानुजगंज समेत वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, सरपंच, बीडीसी सदस्य और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
एसडीओ बलरामपुर ने कहा कि वन्य प्राणी पर्यावरण के संतुलन के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा वन्य जीवों का अस्तित्व ही हमारे अस्तित्व की गारंटी है। इनके संरक्षण से ही प्रकृति सुरक्षित रह सकती है।
हाथी विशेषज्ञ अमलेंदु मिश्रा ने क्षेत्र में बढ़ते मानव हाथी संघर्ष पर चिंता जताते हुए कहा कि हाथियों की गतिविधियों को समझकर, सुरक्षित दूरी बनाकर और आपसी सहयोग से हम ऐसी घटनाओं को कम कर सकते हैं। सह-अस्तित्व तभी संभव है जब हम उनके प्राकृतिक आवास का सम्मान करें।
रामानुजगंज की वन वाटिका में आयोजित संगोष्ठी ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि मानव और वन्यजीवों के बीच संतुलन केवल जागरूकता और संवेदनशीलता से ही संभव है। विशेषज्ञों के विचारों और विभागीय पहल ने ग्रामीणों में यह विश्वास जगाया कि संघर्ष से बेहतर है सह-अस्तित्व का रास्ता अपनाना।इस आयोजन ने न केवल पर्यावरण संरक्षण की भावना को बल दिया, बल्कि यह भी याद दिलाया कि प्रकृति के साथ तालमेल ही हमारे अस्तित्व की असली गारंटी है।