हिमाचल के बिलासपुर में भूस्खलन की चपेट में आई बस, 15 शव निकाले गए, बचाव कार्य जारी

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बिलासपुर, 07 अक्टूबर । हिमाचल प्रदेश में हो रही मूसलाधार वर्षा के बीच बिलासपुर जिले में मंगलवार की शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ है। जिला के झंडूता उपमंडल के बरठीं क्षेत्र में भल्लू पुल के समीप एक निजी बस भूस्खलन की चपेट में आ गई। भारी बारिश के बाद अचानक पहाड़ी से मलबा और बड़े-बड़े पत्थर बस पर आ गिरे, जिससे बस पूरी तरह मलबे में दब गई। हादसे के समय बस में करीब 30 से 35 यात्री

होने की संभावना है। अभी तक 15 शवों को निकाला गया है, जबकि कई यात्री लापता बताए जा रहे हैं।इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गहर शोक व्यक्त किया है।

मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए पुलिस, प्रशासन और स्थानीय लोग लगातार रेस्क्यू अभियान में जुटे हैं। दो बच्चियों को जीवित बाहर निकाला गया है। यह संतोषी नामक निजी बस मरोतन से घुमारवीं जा रही थी और अचानक भूस्खलन की चपेट में आ गई। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है।

एडीसी बिलासपुर ओम कांत ठाकुर ने बताया कि घटना स्‍थल पर राह एवं बचाव का कार्य जारी है। प्रशासन मौके पर मौजूद है। बस में कुल कितने लोग सवार थे, अभी तक इसका अनुमान नहीं लगया जा सकता है। बस से दो बच्‍चों को सुरक्षित वाहर निकाला गया है।

पीएमओ की ओर से एक्स पर जारी एक पोस्ट में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हुए एक हादसे में हुई जान-माल की हानि से दुखी हूं। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएँगे।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस कठिन घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने और घायलों को तुरंत उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री शिमला से पूरे हालात की निगरानी कर रहे हैं और जिला प्रशासन के निरंतर संपर्क में हैं।

तेज बारिश और अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू कार्य में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन राहत दल लगातार प्रयासरत हैं कि मलबे में दबे सभी लोगों तक जल्द से जल्द पहुंचा जा सके।