संयुक्त सचिव नारायण देवगम ने कहा कि 1951 में स्थापित यह स्वयंसेवी संस्था खेल संस्कृति को सशक्त कर रहा है। संस्था दशकों से जिले में खेल संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। महासचिव मिथिलेश कुमार ठाकुर के नेतृत्व में संस्था ने फुटबॉल सहित कई खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। एसएसए के प्रयासों से जिले के खिलाड़ी बॉवी तुबीड, नरेंद्र बोयपाई, सोंगरा पुरती, मोटाय देवगम, मानकी पाड़ेया और पूर्णचंद्र तुबिड ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई।
वीरेंद्र बनरा, सुभाष बाराद और सुभाष देवगम जैसे खिलाड़ियों ने संतोष ट्रॉफी में झारखंड टीम का नेतृत्व किया। वहीं टीएफए में मानकी पाड़ेया, पूर्णचंद्र तुबिड और मोटाय देवगम के चयन से जिले का गौरव बढ़ा। महासचिव ने कहा कि एसएसए ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने के लिए लगातार प्रयासरत है और आगे अन्य खेलों में भी नई दिशा देने का लक्ष्य रखता है।