एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल ने आरोपी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 21 अगस्त को एक महिला ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए 40 लाख रुपये की ठगी की शिकायत की थी। जालसाजों ने जांच की आड़ में रकम ट्रांसफर कर ली थी। पुलिस ने तुरंत धोखाधड़ी का संज्ञान लिया।संबंधित बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया। धनराशि को फ्रीज करने और होल्ड करने का भी प्रयास किया गया। इसके बाद, आरोपी की गिरफ्तारी के लिए साइबर क्राइम थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। जांच में पता चला कि पानीपत के राकेश कुमार के बैंक खाते का इस्तेमाल धोखाधड़ी में किया गया था। टीम ने उसे आज गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह पानीपत की एक निजी कंपनी में काम करता है। नौकरी के दौरान, राकेश की मुलाक़ात पानीपत के ही रहने वाले करण से हुई। वह पहले से ही साइबर अपराध में लिप्त था और धोखेबाज़ों को बैंक खाते उपलब्ध कराता था।करण ने राकेश से कहा था कि अगर वह अपना खाता उसे उपलब्ध करा दे, तो उसे हर महीने एक निश्चित राशि मिलेगी। अगस्त में एक महिला से हुई धोखाधड़ी में, राकेश के खाते में 4,98,793 जमा हुए थे। राकेश और करण ने पैसे निकालकर कमीशन के तौर पर आपस में बाँट लिए। करण इस समय हरियाणा के करनाल जेल में बंद है। पुलिस राकेश के आपराधिक इतिहास की जाँच कर रही है।