ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि शरद पूर्णिमा को उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, वृद्धि और ध्रुव योग का संयोग रहेगा। चंद्रमा मीन राशि में शनि के साथ रहेगा जिससे उसकी किरणों का प्रभाव विशेष रूप से बढ़ जाएगा। पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर को दोपहर 12:24 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन सुबह 9:18 बजे तक रहेगी। चंद्रमा का उदय शाम 5:34 बजे और अस्त 7 अक्टूबर की सुबह 6:19 बजे होगा। इस वर्ष चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त संपूर्ण गोलाकार होगा। मान्यता है कि इस दिन चंद्र किरणों से अमृत बरसता है और खुले आसमान में चांद देखने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में शरद पूर्णिमा महोत्सव बड़े स्तर पर मनाया जाएगा। सुबह महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक होगा। ठाकुर श्रीजी को सफेद पोशाक धारण कराई जाएगी। विशेष अलंकार और पुष्प श्रृंगार किया जाएगा।
शाम 7:15 से 7:30 बजे तक शरदोत्सव की विशेष झांकी दर्शनार्थ सजाई जाएगी। सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर श्रीजी को खीर व खीरसा का भोग लगाया जाएगा। विशेष खाट पर शतरंज, चौसर की बाजी, गाय दान, धूप दान, इत्र दान और पान दान से सजावट होगी।
श्री शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज में पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में शरदोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि ठाकुरजी को केसरिया खीर का भोग अर्पित किया जाएगा और श्री शुक संप्रदाय के आचार्यों द्वारा रचित पदों का गायन होगा। शदोत्सव में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होंगे।
श्री प्रेमभाया मंडल समिति की ओर से जयलाल मुंशी का रास्ता चांदपोल में श्री प्रेमभाया सरकार का शरद चांदनी उत्सव मनाया जाएगा। अध्यक्ष दुर्गा चौधरी ने बताया कि ठाकुरजी को धवल पोशाक पहनाई जाएगी और पुष्प श्रृंगार किया जाएगा। खीर का भोग लगेगा। रात 8 से 11 बजे तक भक्ति संगीत रहेगा और भक्त रास रचनाएं गाकर हाजिरी लगाएंगे।
समाज श्री सीताराम जी समिति द्वारा छोटी चौपड़ स्थित मंदिर में शरद महोत्सव बड़े धूमधाम से होगा। उत्सव शाम 7 बजे प्रारंभ होगा और रात 10 बजे बाद औषधि युक्त खीर का वितरण किया जाएगा। ठाकुरजी को सफेद पोशाक पहनाई जाएगी और चौपड़-पासा सजाया जाएगा।
जैसे ही चांद मंदिर के मध्य आएगा और उसकी किरणें खीर पर पड़ेगी, भगवान राम-सीता को भोग लगाया जाएगा। कार्यक्रम में रास भजन गूंजेंगे। वैद धर्मचंद खीर में दमे की औषधि मिलाकर वितरण करेंगे।
शरद पूर्णिमा पर गोपीनाथजी मंदिर (पुरानी बस्ती), राधा दामोदर (चौड़ा रास्ता), मदन गोपाल, लाड़ली जी (रामगंज बाजार), गलता तीर्थ, अक्षय पात्र, अक्षरधाम और इस्कॉन मंदिर सहित अनेक मंदिरों में भी शरद पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन होगा।