उन्होंने कहा कि शिक्षा का क्षेत्र प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इसके चलते ही प्रदेश सरकार कुल बजट का 18 फ़ीसदी बजट शिक्षा पर व्यय कर रही है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में शिक्षा विभाग से संबंधित 20 करोड़ के कार्य जारी है जो जल्द ही लोकार्पित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार शिक्षा में गुणवत्ता के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने पहली बार कॉलेज और स्कूल तथा पुस्तकालय की रैंकिंग और ग्रेडिंग शुरु की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में साक्षरता दर 99.30 फीसदी हो चुकी है, इसमें कांग्रेस की सरकारों का अहम योगदान रहा है।
मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने कॉलेज में 527 सहायक आचार्य के पद भरे हैं। इसी तरह 542 अन्य सहायक आचार्यों के पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने ही 118 प्रधानाचार्यों को पदोन्नत किया है। इसी तरह शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए शिक्षा निदेशालयों का एकीकरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न सर्वे और रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश जहां शिक्षा के क्षेत्र में 21वें स्थान पर पहुंच चुका था वही वर्तमान प्रदेश सरकार के प्रयासों के चलते राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में तीसरा और पांचवा स्थान प्राप्त किया है। मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग में वर्तमान सरकार द्वारा विभिन्न वर्गों के 7 हजार अध्यापकों के पद भरे गए हैं, कुछ की प्रक्रिया अभी जारी है और इस प्रक्रिया को जल्द पूर्ण किया जाएगा।
कॉलेज प्रशासन की ओर से रखी गई विभिन्न मांगों पीजी कोर्स शुरु करने, बहुद्देश्य सभागार निर्मित करने सहित अन्य करीब आधा दर्जन मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन भी दिया।