नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली रविवार को झुंझुनू में एआईसीसी संगठन सृजन अभियान में शामिल होने आए थे। इस दौरान उन्होंने सर्किट हाउस में मीडिया से बात कर रहे थे। जूली ने कहा कि कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के निर्देशन में चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत कांग्रेस नेता जिलों में जाकर आम कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और जनता से राय ले रहे हैं ताकि संगठन में नीचे के स्तर तक भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। आने वाले समय में जिला अध्यक्षों को अधिक अधिकार दिए जाएंगे जिससे फैसले स्थानीय स्तर पर सहमति से हो सकें।
एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष की गिरफ्तारी पर जूली ने भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। हमारे बच्चे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन आरएसएस के लोगों ने उन पर लाठियां बरसाईं। शिक्षा के मंदिरों को राजनीतिक अखाड़ा बनाया जा रहा है। यह वही आरएसएस है जिसे सरदार पटेल ने बैन किया था। उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के छात्रों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती, उल्टा निर्दोष छात्रों को जेल भेज रही है। यह भाजपा की असली मानसिकता है। जूली ने कहा कि आरएसएस को यदि राजनीति करनी है तो वह अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़े छिपकर बीजेपी के लिए काम न करे। आरएसएस खुद तय करे कि वह देश के लिए काम कर रही है या बीजेपी के लिए।
उन्होने कहा कि राज्य की सरकार उड़नखटोला सरकार बन चुकी है। जो जनता की समस्याओं से पूरी तरह बेखबर है। जूली ने मुख्यमंत्री पर व्यंग्य करते हुए कहा कि भजनलाल शर्मा को अब मोदी चालीसा पढ़ना बंद कर जनता के दर्द पर ध्यान देना चाहिए। राजस्थान की जनता ने आपको सत्ता दी है लेकिन आप सत्ता के अहंकार में डूब गए हैं। जनता ने आपको इसलिए नहीं जिताया कि आप दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को समझना चाहिए कि जनता की सेवा ही सच्ची राजनीति है। राज्य में पेंशन योजना से लेकर स्वास्थ्य तंत्र तक सब कुछ चरमराया हुआ है। लेकिन मुख्यमंत्री राजनीतिक कार्यक्रमों और दिल्ली दौरों में व्यस्त हैं। राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर हैं। पंचायत चुनाव को लेकर टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जनता से डरती है इसलिए चुनाव नहीं करवा रही। मुख्यमंत्री उड़नखटोले से दिल्ली जाते हैं लेकिन राजस्थान की जनता के बीच नहीं जाते हैं।