कांग्रेस के देहात अध्यक्ष बिशनाराम सियाग के अनुसार डूडी ने अपने निवास पर ही अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा। डूडी लंबे समय से बीमार चल रहे थे, वे करीब 25 महीने से कोमा में थे।
उल्लेखनीय है कि 1 जुलाई 1963 में जन्मे रामेश्वर डूडी ने राजनीति में बड़े मुकाम हासिल किए। छात्र राजनीति से राजनीतिक सफर शुरू किया। इसके बाद 1995 से 1999 तक नोखा के प्रधान रहे। 1999 से 2004 तक बीकानेर लोकसभा सांसद रहे। इस दौरान फूड सिविल सप्लाई एवं पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन कमेटी के सदस्य भी रहे। वहीं 2005 से 2010 तक जिला प्रमुख भी रहे। इसके बाद डूडी ने विधानसभा की ओर रुख किया। 2013 में नोखा से विधायक बने। 2013 से 2018 तक राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। वहीं 2022 में राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन भी रहे। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले वे बीमार हुए। जिसके बाद से लगातार कोमा में रहे। बता दें कि रामेश्वर डूडी का राजनीतिक जीवन बड़ा प्रभावी रहा। उन्होंने उत्तर पश्चिम राजस्थान के किसानों की पीड़ा को मजबूती से उठाया। किसान नेता के रूप में सशक्त पहचान बनाई। अब उनके पीछे उनकी पत्नी नोखा की वर्तमान विधायक सुशीला डूडी व एक पुत्र है।
डूडी के निधन पर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित अनेक कांग्रेस और बीजेपी नेताओं ने दुःख जताया है