ओडिया समाज ट्रस्ट के कार्यालय से 25 लाख रुपये की चोरी के मामले में दो गिरफ्तार

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दक्षिण पश्चिम जिले के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने शनिवार को बताया कि 23 सितंबर को ओडिया समाज ट्रस्ट के कार्यालय में चोरी होने की सूचना मिली। एएसआई नरेंद्र अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जहां ओडिया समाज ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक एसएमएस दास की बेटी जेआर दास मौके पर मिली। एसएचओ अतुल त्यागी की टीम ने उनके बयान पर संबंधित धारा में केस दर्ज कर जांच शुरू की।

पुलिस टीम ने 11 दिनों में 40 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की, मौके पर मौजूद संदिग्ध मोबाइल नंबरों की तकनीकी निगरानी का विश्लेषण किया और कई सीसीटीवी फुटेज की जांच की। सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण के दौरान टीम ने एनजीओ कार्यालय में प्रवेश करते और बाद में ऑटो-रिक्शा में निकलते समय भेष बदलते (टोपी, गर्दन पर तौलिया और दस्ताने पहने) दो संदिग्धों की पहचान की। पुलिस टीम ऑटो के नम्बर की मदद से चालक तक जा पहुंची।

चालक ने बताया कि उसने दोनों संदिग्धों को नेताजी नगर में छोड़ा था। पुलिस टीम ने नेताजी नगर इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का विश्लेषण किया तो एक आरोपित राजेन्द्र कुमार की पहचान की गई। पुलिस ने गोल चंबारी के पास राजेन्द्र कुमार को दबोच लिया। राजेन्द्र ने सख्ती से पूछताछ करने पर जुर्म कबूल कर लिया। जिसके बाद उसके दूसरे साथी को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर चोरी की रकम बरामद कर ली गई।

पुलिस की जांच में सामने आया कि वारदात का मुख्य आरोपित राजेन्द्र कुमार एनजीओ में चालक का काम करता है। जिसके चलते उसे वहां पैसे होने की जानकारी थी। राजेन्द्र ने बताया कि वह क्राइम पेट्रोल धारावाहिक देखता है, जिससे उसे वारदात के बाद पुलिस से बचने के तरीके पता थे। ऐसे में उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया।