हिसार : विकसित भारत का लक्ष्य पूरा करने के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी : प्रो. नरसी राम

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विद्यार्थियों को संबोधित किया

हिसार, 2 अक्टूबर । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि विकसित भारत @ 2047 के लक्ष्य को पूरा

करने के लिए राष्ट्र में लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण, यौन शोषण की रोकथाम तथा

थर्ड जेंडर की स्वीकृति एवं सम्मान का होना जरूरी है। हर वर्ग तथा व्यक्ति को राष्ट्र

निर्माण में योगदान देने के समान अवसर प्राप्त होने चाहिएं ताकि राष्ट्र की सम्पूर्ण

मानव ऊर्जा को विकास के लिए प्रयोग किया जा सके।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई गुरुवार काे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की पहल

जेंडर चैम्पियंस के तहत लैंगिक समानता जागरूकता अभियान के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित

कर रहे थे। यह अभियान डॉ. मनीषा जांगड़ा के नेतृत्व में जेंडर चैम्पियंस तथा सहयोगी

विद्यार्थियों द्वारा चलाया गया। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि इस प्रकार

के अभियान विद्यार्थियों को राष्ट्र व समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण

भूमिका अदा करते हैं। विश्वविद्यालय इस प्रकार के अभियानों को लगातार चला रहा है।

डाॅ. मनीषा जांगड़ा ने बताया कि जेंडर चैम्पियंस तथा सहयोगी विद्यार्थियों ने

विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों को अभियान से

जोड़ा। उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों में लैंगिक समानता, महिला

सशक्तिकरण, यौन शोषण की रोकथाम तथा थर्ड जेंडर की स्वीकृति एवं सम्मान के प्रति जागरूकता

बढ़ाना रहा। विद्यार्थियों ने इस अवसर पर सभी जेंडर्स के प्रति समानता और सम्मान बनाए

रखने की शपथ भी ली।

अभियान के दौरान पोस्टरों के माध्यम से संदेश प्रसारित किए गए और विद्यार्थियों

को आगामी प्रतियोगिताओं कविता पाठ, स्लोगन लेखन, भाषण लेखन, जेंडर रोल रिवर्सल एवं

नुक्कड़ नाटक में भाग लेने हेतु प्रेरित किया गया, जिन्हें शीघ्र ही जेंडर चैम्पियंस

द्वारा आयोजित किया जाएगा। गुमनाम स्वीकारोक्ति मंच की व्यवस्था भी की गई, जिससे विद्यार्थियों

को अपने विचार एवं अनुभव सुरक्षित वातावरण में साझा करने का अवसर मिला। अभियान में

विश्वविद्यालय के जेंडर चैम्पियंस यशु, आदित्य, शिवांग एवं करुणा ने सक्रिय भूमिका

निभाई और सहयोगी विद्यार्थियों के साथ मिलकर सभी को समावेशी वातावरण में भागीदारी के

लिए प्रेरित किया।