स्वच्छता अभियान के तहत खुले में शौच से मुक्ति बड़ी उपलब्धि- राज्यपाल

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राज्यपाल बागडे गुरुवार को स्वच्छ भारत दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय “स्वच्छोत्सव” समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले जिले के अधिकारी, कर्मचारियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने स्वायत्त शासन की दो पुस्तकों का लोकार्पण किया और सभी को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।

राज्यपाल ने कहा कि शुद्ध हवा रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने सभी को स्वच्छता के लिए कार्य करने पर जोर देते हुए सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, कार्यालयों की सीढ़ियों की दीवारों पर पीक छोड़ने, केला खाकर छिलके सड़क पर फेंकने आदि की बुरी आदतों को छोड़ने और छुड़वाने के संस्कार विकसित किए जाने का आह्वान किया। उन्होंने स्वच्छता के लिए अच्छी आदतों को अपनाने पर जोर दिया। गंदगी दूर करने के लिए मिलकर कार्य की आवश्यकता जताई।

बागडे ने बप्पा रावल को स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने अरबों को भारत से खदेड़ा ही नहीं, ऐसा सबक सिखाया कि बाद में डेढ़ सौ वर्षों तक देश में उनके आने की हिम्मत नहीं पड़ी। उन्होंने विकसित भारत लिए कार्य करने, प्राचीन ज्ञान परम्परा से सीख लेने और फिर से देश को विश्वगुरु बनाने पर जोर दिया। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री और गांधी जी के जीवन से जुड़े प्रसंग सुनाते हुए सभी को नैतिकता और ईमानदारी की सोच अपनाने का आह्वान किया।

नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि सेवा कर्तव्य है और उत्सव एक भावना है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की भावना हमारे यहां उत्सव रूप में जागृत हो चुकी है। उन्होंने पर्दे के पीछे रहकर कार्य करने वाले सफाई मित्रो की सराहना करते हुए कहा कि यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम उन्हें सम्मान, सुविधा और संबल दें। उन्होंने स्वच्छता के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।

आरम्भ में नगरीय विकास विभाग के सचिव रवि जैन ने स्वच्छता सर्वे के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों और राज्य में नगरीय विकास विभाग से जुड़े विकास कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। महापौर सौम्या गुर्जर और कुसुम यादव ने आभार जताया। राज्यपाल बागडे ने आरंभ में कार्यकम स्थल पर लगी स्वच्छता संयंत्रों, सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े अत्याधुनिक उपकरणों आदि की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।