भावी उम्मीदवार दिनेश अग्रवाल के नेतृत्व में निकाला गया मसाल जुलूस

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जानकारी हो कि कुछ दिन पूर्व दिनेश अग्रवाल के पास वार्ड-02 के वार्ड सदस्य के द्वारा एक आवेदन प्राप्त हुआ ,जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों का हस्ताक्षर था। आवेदन में सडक की जर्जर स्थिति तथा वार्ड -02 का विद्यालय जमीन उपलब्ध होने के वावजूद भी अन्यत्र विद्यालय चलना, जिससे वहां के बच्चे पठन पाठन से वंचित होना, बरसात के दिनों मे यहां चलने से लेकर तबियत खराब होने पर किसी को अस्पताल ले जाने के लिए लोहे का चना चबाना पडता है और लोग असमय काल के गाल मे समा जाते हैं।

आवेदन में लोगों का यह आरोप था कि आजादी के 78 वर्ष बाद भी ग्रामीणों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। बिहार सरकार के सुशासन होने के दावा में ग्रामीणों की यह दुर्दशा देखकर, ग्रामीणों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने के लिए दिनेश अग्रवाल ने ग्रामीणों की स्थिति को दिखाते हुए शासन प्रशासन को आवेदन के द्वारा सूचित किया तथा तत्पश्चात ग्रामीणों के साथ मशाल जुलूस शांति पूर्ण तरीके से निकाल कर कहा कि अधिकार दो, अधिकार दो।

जीने का अधिकार दो,

चलने का अधिकार दो,

पढ़ने का अधिकार दो।

इस शांतिपूर्ण जुलूस में समस्त ग्रामीणों ने भाग लिया तथा सरकार से गुहार किया की यह गांव भी बिहार का ही एक अंग है । हमें भी सड़क और विद्यालय जैसे सुविधावाओं की व्यवस्था नहीं की गयी तो यह विरोध और भी व्यापक रूप लेगा। यह आवाज अब किसी एक गांव की नहीं पूरे बगहा विधान सभा की हैं। यह आवाज़ सत्ता और सिस्टम के खोखले दावो को आइना दिखाता हैं। मौके पर गांव के समस्त महिला, पुरुष, नौजवान और बच्चे उपस्थित थे।