जिला मुख्यालय मोतिहारी शहर के प्रसिद्ध रहमानिया नर्सिंग होम में मरीज की मौत के बाद तोड़फोड़ एवं चिकित्सकों के साथ हुए मारपीट की आईएमए ने निंदा की है। वहीं पीड़ित परिजनों के प्रति अपनी संवदेना जतायी है।
रविवार को आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. आशुतोष शरण एवं आईएएम के जिला प्रसिडेंट डाॅ. टीपी सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि किड़नी में स्टोन की शिकायत के बाद प्रसिद्ध सर्जन डाॅ. तबरेज अजीज सहित डाॅ. अमीत कुमार ने सफल ऑपरेशन किया। इस प्रकिया में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की गई है। एक चिकित्सक के लिए मरीज का जीवन काफी बहुमूल्य होता है। जिसका निर्वहन सभी चिकित्सक करते है। मरीज का ऑपरेशन के बाद या ऑपरेशन बेड पर मौत के लिए डाॅक्टर को दोषी ठहराना गलत होगा। क्योंकि कई ऐसे केश में देखे गये है चिकित्सीय जटिलता के कारण मरीज की मौत हो जाती है। छोटे-बडे सभी नर्सिग होम में आईसीयू के नियम निर्धारित है। फलस्वरूप निर्धारित मापदंड़ो अनुरूप ही मरीज के अटेडेंट को इसमें जाने की अनुमति दी जाती है। आईसीयू या भैंटिलेटर पर गंभीर रूप से बीमार मरीजो में रखा जाता है। इनमें मौत का खतरा बना रहता है। यह काफी संवेदनशील होता है, जिसे आम लोग नहीं समझते है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से नर्सिगहोम में घटना को अंजाम दिया गया है, उससे डाॅक्टरों के अंदर भय व्याप्त है। प्रशासन सहित आमलोगों का सहयोग ही डाॅक्टरों को इलाज में मनोबल बढ़ाने का काम करेगा। ऐसे में आईएमए नागरिको से सहयोग की अपील करता है। इस संबंध में डाॅ तबरेज अजीज ने मीडिया को बताया कि जिस मरीज के स्टोन का ऑपरेशन किया गया। वह आयुषमान कार्ड के आधार पर किया गया था। ऐसे में जबरन पैसा वसूली का आरोप निराधार है।
उन्होंने कहा कि मौत की रात जब परिजन एवं तथाकथित लोगों द्वारा बाद में हंगामा शुरू किया गया तो इसकी सूचना संबंधित थाना सहित एसपी स्वर्ण प्रभात को दिया गया। पुलिस तत्काल पहुंच गई। छतौनी थाना एवं सदर डीएसपी ने लोगों को समझाबुझा कर मामले को शांत करा दिया। लेकिन दूसरे दिन सैकड़ो लोग पुलिस के सामने ही नर्सिंग होम में घुसकर ड्यूटी में जुटे डाॅक्टर, कम्पाउंडर, नर्सो के साथ मारपीट करते हुए ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू, मुख्य काउंटर सहित लैब आदि को तोड़फोड़ कर नष्ट कर दिया, तकरीबन 30 से 50 लाख तक की क्षति हुई है।
दूसरे दिन की घटना एक बड़ी साजिश को दर्शाता है। उन्होने डाॅक्टरी में लगाये गये लापरवाही के आरोप सरासर गलत बताया है। मरीज ऑपरेशन के बाद ठीक था। आईसीयू में जब मरीज भर्ती था, इस बीच डाॅ. अमित डियूटी में थे, उन्होने खबर किया तो मैं तुरंत आया। ईलाज के लिए जो भी जरूरी दवा या काम करना था, सब किया गया। लेकिन मरीज की मौत हो गई।
उन्होने कहा कि मौत के बाद का जो मंजर देखने को मिला, अंदर से किसी की रूह कांप जायेगी। बाहर से आकर नर्सिंगहोम में काम करने वाले रेसिडेट डाॅक्टरो के साथ जिस तरह से बर्ताव किया गया, वीडियो प्रमाण है, सोंचा भी नहीं जा सकता है। तीनो चिकित्सक इस घटना को देख भाग गये है। फलस्वरूप नर्सिंगहोम के गहन चिकित्सा कक्ष में मरीजो को परेशानी हो रही है।
उन्होंने प्रशासन सहित पुलिस प्रशासन से दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की गुहार लगाई है। इस अवसर पर डाॅ. डी.नाथ, डाॅ. अजय कुमार वर्मा, डाॅ. के आलम, डाॅ. परवेज अजीज, डाॅ. अतुल, डाॅ. नीरज सिन्हा, डाॅ. संतोष कुमार, डाॅ. पुष्कर कुमार, डाॅ. गौतम भारद्वाज, डाॅ. सौरभ गुप्ता, डाॅ. रिशांक किशोर, डाॅ. आलिंद किशोर, डाॅ. अरूणिमा, डाॅ. एस. प्रसाद, डाॅ. विभु परासर, डाॅ. टीके सिंह, डाॅ. कुणाल कृष्णा, डाॅ. उमर तबरेज, डाॅ. धीरज शर्मा, डाॅ. चांदनी सिंह सहित भारी संख्या में चिकित्सक मौजूद थे।