जरा-सी लापरवाही ले लेगी जान, विश्व रेबीज दिवस पर विशेषज्ञों ने चेताया

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गोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. अमित कुमार तिवारी ने बताया कि रेबीज एक खतरनाक रोग है, जो कुत्ता, बिल्ली या अन्य जानवरों के काटने से फैलता है। यदि समय रहते मरीज को रेबीज का टीका लगाया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार हर साल विश्वभर में करीब 59,000 लोग इस बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवाते हैं।

डॉ. तिवारी ने कहा कि रेबीज दिवस हर साल 28 सितंबर को मनाया जाता है। इस परंपरा की शुरुआत वर्ष 2007 में ग्लोबल अलायंस फॉर रेबीज कंट्रोल द्वारा की गई थी। 28 सितंबर को ही यह दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन महान वैज्ञानिक लुई पाश्चर की पुण्यतिथि होती है। उन्होंने ही पहली बार रेबीज का टीका विकसित किया था, जिससे लाखों लोगों की जान बच सकी।

कार्यक्रम में बताया गया कि पालतू कुत्तों, बिल्लियों या अन्य जानवरों का समय-समय पर टीकाकरण कराना बेहद जरूरी है। यदि किसी व्यक्ति को कुत्ता, बिल्ली या अन्य जानवर काट ले तो उसे तुरंत रेबीज सेंटर ले जाकर पूरा टीकाकरण कराना चाहिए। लापरवाही बरतने पर यह बीमारी घातक सिद्ध हो सकती है।

इस अवसर पर डा. आरसी विश्वकर्मा, संजना पटेल, निधि सिंह, दीपक पटेल, चन्द्रावती देवी, मंजू देवी, माधुरी देवी, रेखा देवी, पूजा देवी सहित कई लोग उपस्थित रहे।