आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद सुमन ने बताया कि इस वर्ष प्राकृतिक आपदा से लोक निर्माण विभाग व सार्वजनिक सड़कों को लगभग 1163.84 करोड़, सिंचाई विभाग की परिसम्पत्तियों को लगभग 266 करोड़, ऊर्जा विभाग को 123.17 करोड़, स्वास्थ्य विभाग की परिसम्पत्तियों को लगभग 4.57 करोड़, विद्यालयी शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को 68.28 करोड़, उच्च शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को 9.04 करोड़, मत्स्य विभाग को 2.55 करोड़, ग्राम्य विकास विभाग को 65.50 करोड़, शहरी विकास को 04 करोड़, पशुपालन विभाग को 23.06 व अन्य विभागीय परिसम्पत्तियों को 213.46 करोड़ की क्षति हुई है। इस प्रकार सभी राजकीय विभागों को कुल लगभग 1944.15 करोड़ की सीधे तौर पर क्षति हुई है।
उन्होंने कहा कि इन परिसम्पत्तियों के पुनर्निर्माण व पुनर्प्राप्ति में 1944.15 करोड़ के साथ-साथ परिसम्पत्तियों को बचाने के साथ ही अनेक ऐसी परिसम्पत्तियां, मार्ग, आबादी वाले क्षेत्र व अन्य अवस्थापना संरचानाओं को जो आपदा से क्षतिग्रस्त होने की कगार पर हैं, को स्थिर करने के लिए 3758 करोड़ की सहायता प्रदान किए जाने का अनुरोध किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2025 में हुई आपदा से क्षति के लिये उत्तराखण्ड राज्य को कुल 5702.15 करोड़ की धनराशि की मांग की गई है।
आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से वर्ष 2025 में 01 अप्रैल से 31 अगस्त के मध्य कुल 79 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, 115 लोग घायल हुए हैं तथा 90 लोग लापता हैं। कुल 3953 छोटे तथा बड़े पशुओं की मृत्यु हुई है। कुल 238 पक्के भवन ध्वस्त हुए हैं, 02 कच्चे भवन ध्वस्त हुए हैं, 2835 पक्के भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा 402 कच्चे भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त बहुत बड़ी मात्रा में व्यवसायिक भवन, दुकानें, होटल, होमस्टे, रेस्टोरेंट व अन्य संरचनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।